20 लाख के इंश्युरेंस लालच में शिक्षक ने रची स्वयं की मौत की साजिश,मजदूर की हत्या कर दी जला दी लाश, कंजई जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश

20 लाख के इंश्युरेंस लालच में शिक्षक ने रची स्वयं की मौत की साजिश,मजदूर की हत्या कर दी जला दी लाश, कंजई जघन्य हत्याकांड का पर्दाफाश

बालाघाट. जिले के लालबर्रा थाना क्षेत्र अंतर्गत कंजई घाटी जघन्य हत्याकांड मंे मृतक बताये जा रहे शिक्षक के जीवित पकड़ाये जाने के बाद मामले में नया मोड़ आ गया. जिसे परिजनों ने मृत समझकर जला दिया था, वह एक मजदूर था, जिसकी हत्या 20 लाख का इंश्युरेंस पाने के लालच में शिक्षक जितेन्द्र पिता रामचरण ठाकरे ने कर दी थी. हत्याकांड की जांच के दौरान शिक्षक के मोबाईल की मिल रही लोकेशन और घटनास्थल एवं पीएम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी शिक्षक जितेन्द्र ठाकरे को सिवनी से गिरफ्तार किया. जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ कि जितेन्द्र ने होमलोन और स्कूल बस के लोन को चुकाने  उसने अपना 20 लाख रूपये का इंश्युरेंस पाने अपनी ही हत्या की साजिश रची. जिसके लिए उसने नगर के राजघाट चौक में सुबह काम की तलाश में आने वाले अपने ही कदकाठी के एक मजदूर को मजदूरी के नाम से अपने साथ लिया और उसके बाद उसके बाद उसकी हत्या कर वाहन और शव को जला दिया. ताकि उसकी मौत से उसका नाम का इंश्युरेंस मिल जायें.  

घटनाक्रम के अनुसार विगत 26 मई को कंजई घाटी में स्कूल का टाटा मैजिक वाहन और उससे लगभग 50 फीट की दूरी पर एक जला हुआ शव मिला था. जिसकी पहचान शिक्षक जितेन्द्र ठाकरे के रूप में उसके भाई महेन्द्र ठाकरे ने की थी. जिसके बाद लालबर्रा पुलिस ने शव बरामद कर पंचनामा कार्यवाही के बाद शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया था. जिसके बाद परिजनों ने मृतक महेन्द्र ठाकरे के नाम से शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया था.  

घटना के बाद मामले की वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में की जा रही जांच के दौरान पुलिस को ऐसी जानकारी मिली जो इस मामले मंे न केवल चौंका देने वाली थी अपितु मृतक महेन्द्र के जीवित होने की पुष्टि भी कर रही थी. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में अपनी जांच तेज करते हुए सायबर सेल की मदद से जीवित जितेन्द्र को ढूंढ निकाला और उसे सिवनी से गिरफ्तार किया. जिसे पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद माननीय न्यायालय में पेश किया. जहां से उसे मामले में और पूछताछ के लिए पुलिस ने रिमांड पर लिया है.

कंजई जघन्य हत्याकांड को लेकर आयोजित प्रेसवार्ता मंे पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने प्रेस से चर्चा करते हुए हत्याकांड की पूरी जानकारी से प्रेस को अवगत कराया. पुलिस अधीक्षक श्री तिवारी ने बताया कि शिक्षक जितेन्द्र ने होमलोन और स्कूली बस खरीदने के लिए लोन लिया था. जिसकी किश्त पटाने के बाद घर चलाने लायक उसके पास पैसा नहीं बचता था. जिससे उसने अपने 20 लाख रूपये के कराये गये इंश्युरेंस को पाने के लिए अपनी ही हत्या की साजिश रची. जिसके लिए उसने पहले अपनी ही कदकाठी के एक व्यक्ति की तलाश की, बालाघाट काम करने आने वाले भरवेली निवासी दिलीप सोनवानी के रूप में उसकी तलाश पूरी हुई. जिसके बाद वह उसे काम के बहाने कंजई की ओर लेकर गया और कंजई बंजारी मंदिर के पहले गाड़ी के गर्म होने का बहाना करके उसने दिलीप को पानी डालने बोला. जिसके बाद दिलीप जब वाहन मंे पानी डाल रहा था, इसी दौरान शिक्षक जितेन्द्र ने उसके सिर पर वाहन के लीवर से हमला किया. जिसके बाद शिक्षक जितेन्द्र ने चोट से घायल मजदूर को वाहन में बिठालकर मजार के आगे पुलिया के पास लेकर गया. जहां वाहन को मोड़कर खड़ा किया और साथ लाये पेट्रोल और वाहन के शार्ट सर्किट से वाहन को आग लगा दी. जिससे वाहन मंे बेहोश पड़े मजदूर दिलीप को एकाएक होश आया और वह जलती गाड़ी से स्वयं को बचाने के लिए नीचे नाले की ओर भागने लगा. जिसको देखकर जितेन्द्र भी उसके पीछे भागा और जैसे ही मजदूर पत्थर की ठोंकर खाकर नीचे गिरा, शिक्षक महेन्द्र ने उसके सिर पर पत्थर से बार-बार हमला कर उसकी हत्या कर दी तथा शव को वहीं छिपा दिया. जिसके बाद वह लौटकर बेहरई आया और यहां से फिर एक बॉटल मंे पेट्रोल खरीदकर फिर शिक्षक जितेन्द्र घटनास्थल पहुंचा और छिपाकर रखे गये मजदूर दिलीप के शव को निकालकर उसमंे पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी, ताकि मृतक की पहचान उसके नाम से हो सकें और फिर इंश्युरेंस की राशि मिल जायें. घटना को अंजाम देने के बाद उसी रात बस से सिवनी होते हुए वह जबलपुर चला गया था.  

इस अंधे हत्याकांड को सुलझाकर स्वयं को मृत बताकर जीवित निकलने वाले शिक्षक महेन्द्र की गिरफ्तारी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश भूरिया, एसडीओपी सुमित केरकट्टा, थाना प्रभारी विजय विश्वकर्मा, उपनिरीक्षक प्रसन्न शर्मा, सायबर सेल उपनिरीक्षक अभिषेक चौबे, प्रधान आरक्षक भूमेश्वर वामनकर, राधेश्याम गायधने, आरक्षक शहजाद खन, प्रवेश शर्मा, दारासिंह बघेल, अरविंद, चंद्रप्रकाश, मनोज, शिशुपाल, सुमत, सायबर सेल आरक्षक योगेश पटेल, प्रदीप और राजेन्द्र की सराहनीय भूमिका रही.


Web Title : 20 LAKHS OF ILLICIT GRATUITY BY THE TEACHER CREATED A CONSPIRACY TO KILL, LABOR KILLED AND ZODIAC LYNCH, KANJAI EXPOSED IN THE MURDEROUS MASSACRE