संत रविदासजी की मनाई गई 646 वीं जयंती

बालाघाट. 5 फरवरी को संत रविदास जयंती मुख्यालय मंे अनुयायियो द्वारा मनाई गई है. संत रविदास को गुरु रविदास, रैदास, रूहिदास और रोहिदास जैसे कई नामों से जाना जाता हैं. रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. संत रविवास जी बेहद धार्मिक स्वभाव के थे. वे भक्तिकालीन संत और महान समाज सुधारक थे. संत रविदास जी ने भगवान की भक्ति में समर्पित होने के साथ अपने सामाजिक और पारिवारिक कर्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन किया. इन्होंने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी, और इसी तरह से वे भक्ति के मार्ग पर चलकर संत रविदास कहलाये. उनके उपदेशों और शिक्षाओं से आज भी समाज को मार्गदर्शन मिलता है.  

अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन रमेश महोबे ने बताया कि 5 फरवरी को अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन द्वार मुख्यालय मंे रविदास धाम से शोभायात्रा निकाली गई, जो संत रविदासजी मंदिर पहुंची. जहां संत रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. जिसके बाद शोभायात्रा आंबेडकर चौक पहुंची. जहां सामाजिक लोगों ने बाबा साहेब आम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद शोभायात्रा काली पुतली चौक, रानी अवंतीबाई चौक से संत रविदास धाम पहुंची. जहां मंचीय कार्यक्रम किया गया.

जिलाध्यक्ष हरिचंद महोबे ने बताया कि संत रविदास चौक पर आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने पहंुचकर विकास यात्रा की शुरूआत की गई. जिसके बाद यहां से सभी सामाजिक लोगों द्वारा शोभायात्रा निकाली गई. जो शहर के प्रमुख मार्गाे से होकर संत रविदास धाम पहुंची. जहां कार्यक्रम के बाद शाम को महाप्रसाद का वितरण किया जायेगा.


Web Title : 646TH BIRTH ANNIVERSARY OF SANT RAVIDAS JI CELEBRATED