महिला नेत्री के रूप में एक तीर से दो निशान साध सकती है भाजपा, टिकिट की रेस में लता दीदी और अनुपमा के साथ विधायक भी, भाजपा में टिकिट को लेकर माथापच्ची, कांग्रेस हीना पर लगा सकती है दांव

बालाघाट. लोकसभा चुनाव की आहट के बाद अब बस लोकसभा चुनाव की आचार संहिता का इंतजार है, जिसके बाद यह साफ हो जाएगा कि चुनाव किस तिथि में होंगे. हालांकि लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा संजीदा नजर आ रही है, जबकि कांग्रेस, उस छात्र की तरह दिखाई दे रही है, जिसे परीक्षा तिथि का इंतजार है, ताकि वह तिथि आने के बाद परीक्षा के लिए अपनी तैयारी शुरू करें. फिलहाल भाजपा ने प्रदेश की 24 सीटो में प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. जिसमें प्रदेश की पांच सीटो में भाजपा ने छिंदवाड़ा और बालाघाट में अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है.

भाजपा सूत्रों की मानें तो राजनीतिक और संगठनात्मक रूप से यह दोनो ही लोकसभा भाजपा के महत्वपूर्ण हैं. जहां दशकों से भाजपा छिंदवाड़ा में अपना खाता नहीं खोल सकी है, वहीं भाजपा में दशकों से उसका दबदबा है और जिस तरह से जिले में कांग्रेस की गतिविधि नजर आ रही है, उससे नहीं लगता है कि स्वयं कांग्रेस, नहीं चाहती है कि जिले के संसदीय क्षेत्र में उसका वनवास खत्म हो. भाजपा की अपेक्षा लोकसभा की तैयारियों में कांग्रेस उन्नीस भी नजर नहीं आ रही है.  

भाजपा की प्रथम सूची में बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र में घोषणा नहीं होने पर प्रत्याशियों का मामला फंसता दिखाई दे रहा है. जिससे हर किसी को इसका इंतजार है कि इस बार संसदीय क्षेत्र का प्रत्याशी कौन होगा. हालांकि बालाघाट-सिवनी संसदीय क्षेत्र में बालाघाट के साथ सिवनी में रेल विकास से लेकर बिजली, सड़क और पानी की सुविधा देने वाले सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन भी पुनः टिकिट मिलने को लेकर आशांवित है तो वहीं विधानसभा चुनाव में मुंह की खा चुके प्रत्याशियों को भरोसा है कि पार्टी, उन्हे एक और सेवा का मौका देगी. जिससे वह भी टिकिट की चाह में भोपाल से लेकर दिल्ली तक अपनी एप्रोच लगाने में जुटे है.

भाजपा में टिकिट को लेकर एक अनार और सौ बीमार जैसी स्थिति देखी जा रही है. जबकि कांग्रेस में एकतरफा स्थिति दिखाई दे रही है. भाजपा की बात करें तो भाजपा इस बार बालाघाट में महिला प्रत्याशी उतरने पर जोर दे रही है. भाजपा सूत्र भी बताते है कि इसी कारण से भाजपा ने इस संसदीय क्षेत्र में प्रत्याशी की घोषणा रोक रखी है.  

केन्द्र सरकार ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत महिलाओं को राजनैतिक रूप से सशक्त करने का कदम उठाया है. जिससे भाजपा पर दबाव है कि वह घोषित प्रत्याशियो में एक अनुपात में महिला प्रत्यााशियों को लोकसभा में प्रतिनिधित्व दे. हालांकि पहली सूची में प्रदेश के संसदीय क्षेत्र में पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा की है, जिसमें कुछ नाम महिला प्रत्याशी के भी, लेकिन एक अनुपात में महिला प्रत्याशियों को राजनैतिक प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है. चूंकि बालाघाट लिंगानुपात और महिला वोटरो की संख्या में ज्यादा है, जिससे यह उम्मीद है कि भाजपा इस बार जिले से महिला प्रत्याशी को उम्मीदवार बना सकती हैं. जिसमें जिले के सबसे बड़े जातिगत वोटो में आदिवासी वोट बैंक से आने वाली अनुपमा नेताम का नाम आगे बताया जा रहा है. वहीं विगत लंबे समय से पार्टी की संगठनात्मक और राजनैतिक नेतृत्व का लोहा मनवा चुकी वरिष्ठ नेत्री लता एलकर का नाम भी रेस में होने की बात कही जा रही है वहीं हालिया निर्वाचित एक विधायक के नाम भी टिकिट की दौड़ में बताया जा रहा है.  

भाजपा सूत्रो की मानें तो केन्द्रीय नेतृत्व ने पूर्व में जिले से 6 नामों का पैनल मंगाया था. जिसमें दो वरिष्ठ, दो महिलाएं और दो सामाजिक क्षेत्र के लोगो के नाम थे. जिसमें मंथन के बाद भी कोई निर्णय नहीं होने से अब नेतृत्व ने महिलाओं को लेकर नाम मांगे है. जिसमें आदिवासी वोटरो की जिले में लगभग 32 प्रतिशत भागीदारी के कारण आदिवासी नेत्री श्रीमती अनुपमा नेताम का नाम आगे बताया जा रहा है. फिलहाल भाजपा में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता लेकिन यदि भाजपा संसदीय क्षेत्र में महिला प्रत्याशी को उतारती है तो भाजपा एक तीर से दो निशाने साध सकती है. जहां वह नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लेकर उसका पालन की स्वीरोक्ति का असर मतदाताओं तक पहुंचा सकती है. वहीं कांग्रेस की काट भी खड़ी कर सकती है, चूंकि अब तक भाजपा ने संसदीय क्षेत्र में किसी भी महिला प्रत्याशी को अवसर नही ंदिया है, जबकि कांग्रेस ने इससे पहले भी महिला प्रत्याशी को संसदीय चुनाव में उतारा था. वहीं इस बार भी कांग्रेस महिला प्रत्याशी पर दांव लगाते दिखाई दे रही है. जिसका जवाब भाजपा महिला प्रत्याशी को प्रतिनिधित्व का अवसर प्रदान कर दे सकती है. फिलहाल अब देखना है कि भाजपा महिला प्रत्याशी के रूप में किसे अपना प्रतिनिधित्व सौंपती है या फिर गैर राजनीतिक प्रत्याशी को उतारकर चौंकाती है.


Web Title : BJP CAN HIT TWO MARKS WITH ONE ARROW AS A WOMAN LEADER, MLA ALONG WITH LATA DIDI AND ANUPAMA IN THE RACE FOR TICKET, CONGRESS CAN BET ON HEENA