आदिवासी युवक की मौत हादसा या हत्या, ईलाज में कोताही और पुलिस अधिकारी के असभ्य व्यवहार पर फूटा ग्रामीणांे का आक्रोश, कार्यवाही के तीन दिन का अल्टीमेटम

लालबर्रा. आदिवासी युवक संदीप मड़ावी की मौत हादसा है या हत्या. यह तो जांच के बाद ही सामने आ पायेगा लेकिन संदीप मड़ावी की मौत हो लेकर जहां एक ग्राम के ग्रामीणों ने दूसरे ग्राम के ग्रामीणों पर आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या किये जाने का आरोप लगाया है, वहीं युवक के ईलाज में की गई कोताही और घटना के बाद पुलिस अधिकारी द्वारा किये गये असभ्य व्यवहार को लेकर रानीकुठार के ग्रामीणों ने लालबर्रा में बड़ा प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जाहिर की. जब प्रशासन और पुलिस ने ग्रामीणों और मृतक युवक के परिवार को भरोसा दिलाया कि नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी, तब कहीं जाकर युवक के पीएम के बाद शव परिजन और ग्रामीण लेकर गांव लेकर गये, जहां गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार किया गया.  

ग्रामीणों का आरोप है कि रानी कुठार निवासी 19 वर्षीय संदीप मडावी, 18 वर्षीय विनय नागेश्वर और 16 वर्षीय सिद्धार्थ वैद्य मोटर सायकिल से गत 17 नवंबर को शाम 6. 30 बजे किसी काम से वारासिवनी जा रहे थे. रास्ते में गणेशपुर में सड़क किनारे खड़े व्यक्ति को इनकी मोटर सायकिल से टक्कर लग गई. जिससे मोटर सायकिल सहित यह तीनो नीचे गिर गये. जिसके बाद वह भागने लगे. तभी भाग रहे संदीप को पकड़कर ग्रामीणों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी. जिसकी सूचना के बाद डायल 100 पहुंची और घायल संदीप को एम्बुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लालबर्रा लाया गया. जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. युवक की पिटाई से मौत से रानी कुठार के ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और उन्होंने रात में ही गिरफ्तारी की मांग को लेकर नाराजगी जाहिर की. जिसके बाद बालाघाट से पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, एसडीओपी अरविंद श्रीवास्तव सहित पुलिस अमला मौजूद था. इस दौरान पुलिस अधिकारी द्वारा मृतक युवक की ओर से शिकायत करने पहुंचे लोगों के साथ पुलिस अधिकारी द्वारा गलत असभ्य व्यवहार किये जाने के मामले को लेकर रानी कुठार ग्राम प्रधान विनोद ठाकुर के नेतृत्व में ग्रामीण आदिवासी लामबंद हो गये और भारी समूह मे ंअपनी नाराजगी जाहिर कर युवक की पीट-पीटकर हत्या करने वालो की गिरफ्तारी, असभ्य व्यवहार करने वाले पुलिस अधिकारी द्वारा माफी मांगने और घायल युवक को त्वरित प्राथमिकी उपचार देने से हुई मौत को लेकर जिम्मेदारों पर कार्यवाही किये जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया.

जिसकी जानकारी मिलने के बाद वारासिवनी एसडीएम संदीप सिंह, एसडीओपी अरविंद श्रीवास्तव, लालबर्रा थाना का बल पहुंचा. इस दौरान रानी कुठार के ग्रामीणों के साथ ग्राम प्रधान विनोद ठाकुर सहित सर्व आदिवासी समाज संगठन जिलाध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम और आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष दिनेश धुर्वे भी खड़े दिखाई दिये. अंततः घंटो की चर्चा के बाद ग्रामीणो को प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस ने विश्वास दिलाया कि इस मामले में नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी. वहीं ईलाज की कोताही को लेकर संपूर्ण स्टॉफ होने के बावजूद की गई देरी को लेकर सीएचएमओ को अवगत कराकर कार्यवाही को लेकर चर्चा की जायेगी.  

जिसके बाद ग्रामीणो ने आंदोलन खत्म कर मृतक युवक संदीप मड़ावी का शव पीएम करवाकर गांव लेकर गये. इस मामले में ग्रामीणो ने युवक की पीट-पीटकर हत्या करने और ईलाज मे कोताही के मामले में कार्यवाही के लिए प्रशासन और पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है. जिसके बाद पुनः आंदोलन की चेतावनी दी है, अब देखना है कि इस मामले को जैसे-तैसे शांत कराने के बाद प्रशासन और पुलिस अमला क्या कार्यवाही करता है.

ग्राम प्रधान विनोद ठाकुर ने कहा कि युवक की ग्रामीणो ने पीट-पीटकर हत्या कर दी है, जिसमें ग्रामीणों पर हत्या का मामला दर्ज कर कार्यवाही किये जाने की मांग की गई है. वही उसके प्राथमिकी उपचार में एम्बुलेंस और अस्पताल में देरी किये जाने से युवक को नहीं बचाया जा सका. जिसमें एम्बुलेंस कर्मी और अस्पताल प्रबंधन की गलती है, जिसमें भी कार्यवाही की मांग की गई है. पीड़ित के पिता ने बताया कि बेटे अपने दोस्तो के साथ जा रहा था और गणेशटोला में उसके वाहन से टक्कर होने के कारण उसकी पिटाई की गई है, जिसके बारे में साथियों ने बताया है, अब वह न्याय चाहता है.

एसडीएम संदीपसिंह ने कहा कि इस मामले में ग्रामीणों के अस्पताल के स्टॉफ होने के बावजूद ईलाज में की गई कोताही की शिकायत की गई है. जिसमें जांच कर सीएचएमओ को इस मामले में कार्यवाही के लिए चर्चा करेंगे. नियमानुसार मामले की जांच कर युवक की यदि पिटाई से हत्या हुई तो दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जोयगी. आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने कहा कि एक आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है. जिसमें प्रशासन ने हमें कार्यवाही का भरोसा दिलाया है. यदि तीन दिनों में कोई कार्यवाही नहीं होती है तो पूरे जिले का आदिवासी समाज लालबर्रा में आंदोलन के लिए मजबूर होगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन, प्रशासन की होगी.


Web Title : DEATH OF TRIBAL YOUTH, ACCIDENT OR MURDER, NEGLIGENCE IN TREATMENT AND ANGER OF VILLAGERS OVER POLICE OFFICERS RUDE BEHAVIOUR, THREE DAY ULTIMATUM OF PROCEEDINGS