डेढ़ साल से बैटरी वाली ट्रायसिकल के लिए भटक रहा दिव्यांग, सचिव ने कहा कलेक्ट्रेट जाओ कैंप लगा, कलेक्ट्रेट पहुंचा दिव्यांग को मायुसी लगी हाथ

बालाघाट. आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत गत दिनों कलेक्ट्रेट कार्यालय बालाघाट में जिला निःशक्त पुनर्वास केन्द्र की ओर से दिव्यांग जनों को ट्रायसिकल, व्हीलचेयर, बैसाखी एवं ब्लाईंड स्टीक का वितरण किया गया. जिससे दिव्यांगो का जीवन आसान हो गया लेकिन कुछ ऐसे भी दिव्यांग है, जिन्हें महिनों और सालो से दिव्यांगता के बावजूद ट्रायसिकल नहीं मिली है, वहीं उसकी दिव्यांगता को सचिव जैसे जिम्मेदार भी उसे गुमराह करने में लगे है.  नया मामला डोंगरिया निवासी दिव्यांग राम नामक युवक का है, जिसे 18 सितंबर को कलेक्ट्रेट में शिविर होने की बात कहकर सचिव ने उसे कलेक्ट्रेट भिजवा दिया. जब दिव्यांग राम यहां पहुंचा तो कोई शिविर नहीं होने से वह ठगा महसुस करने लगा.  

डोंगरिया निवासी दिव्यांग युवक राम की मानें तो वह बीए फायनल ईयर का छात्र है और विगत डेढ़ साल से वह बैटरी वाली ट्रायसिकल के लिए आवेदन कर रखा है लेकिन उसे अब तक यह सुविधा नहीं मिली है. जिससे उसे कॉलेज के साथ ही अन्य कार्याे के लिए आवागमन के लिए परेशान होना पड़ता है. दिव्यांग युवक राम की माने तो वह आज कलेक्ट्रेट में सचिव द्वारा शिविर लगाये जाने की जानकारी के बाद यहां आया तो देखा कि यहां कोई शिविर नहीं है. जिससे उसे निराशा के साथ परेशानी उठानी पड़ी.  

दिव्यांग राम ने लगभग डेढ़ साल पहले दिये गये आवेदन के बाद से  उसे बैटरी वाली ट्रायसिकल के लिए आने पर दिये जाने की बात कही जा रही है लेकिन अब तक बैटरी वाली ट्रायसिकल नहीं मिली है. जिससे वह पुरानी हाथ ट्रायसिकल से आवागमन कर रहा है, जिससे वह समय पर कॉलेज और अन्य जगह नही पहंुच पाता है. दिव्यांग राम ने कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा से निवेदन किया है कि उसे बैटरी वाली ट्रायसिकल दिलवाई जायें.


Web Title : DIVYANG WANDERING FOR BATTERY TRICYCLE FOR ONE AND A HALF YEARS, SECRETARY SAID GO TO COLLECTORATE CAMP, REACHED COLLECTORATE