पूर्व सरपंच दिलीप टेंभरे की गलत मानसिक और तानाशाही से परेशान ग्रामीण, सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेटर पहुंचकर की न्याय की मांग

बालाघाट. पंचायत बेहरई के वर्तमान सरपंच पति एवं पूर्व सरपंच दिलीप टेंभरे द्वारा गांव में अशांति और अराजकता फैलाने और गलत मानसिकता एवं तानाशाही रवैया अपनाये जाने के खिलाफ पूर्व मंडी उपाध्यक्ष नेतलाल ठाकरे और पूर्व पंचायत प्रतिनिधि मोहनलाल पटले के नेतृत्व में सैकड़ो ग्रामीणों ने पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है.

पूर्व पंचायत प्रतिनिधि मोहनलाल ठाकरे ने बताया कि मतगणना के बाद नवनिर्वाचित पंचायत के शपथ ग्रहण समारोह में प्रोटोकॉल की अनदेखी कर गांव में अराजकता और अशांति का माहौल पैदा किया जा रहा है, फर्जी एससी, एसटी एक्ट का उल्लंघन कर गांव के लोगों को फंसाया जा रहा है, जिसके लिए आज वह प्रशासन के पास न्याय की मांग को लेकर आये है और यदि समय रहते प्रशासन ने न्याय दिलाने में विलंब किया तो इसके उग्र परिणाम, आंदोलन के रूप मंे दिखाई देंगे.

पूर्व मंडी उपाध्यक्ष नेतलाल ठाकरे ने बताया कि वर्तमान सरपंच पति और पूर्व सरपंच दिलीप टेंभरे द्वारा चुनावी रंजिश को लेकर मामुली विवादो में ग्रामीणों पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत फर्जी तरीके से महिलाओं द्वारा एफआईआर करवाई जा रही है, जिससे ग्राम के बुजुर्गो एवं पढ़ाई करने वाले बच्चांे फंसाया जा रहा है. इससे पूर्व भी चुनाव के दौरान आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन कर छतेरा मार्ग मंे छोटे झाड़ के जंगल में बगैर ग्राम की अनुमति के ढाबा खोलने और मकाने बनाने की अनुमति, अपने राजनीतिक फायदे के लिए दे दी गई. यही नहीं बल्कि मनरेगा के श्रमिकों को प्रलोभन देकर और मनरेगा का कार्य बंद करवाकर चुनाव के दौरान गांव में रैली निकाली गई थी. इससे भी सरपंच पति और पूर्व सरपंच दिलीप टेंभरे का मन नहीं भरा तो अब वह प्राथमिक शाला चंदपुरी में पदस्थ बेहरई निवासी के. डी. लिमजे के साथ मिलकर, गांव के लोकचंद पारधी को जान से मारने की खुली धमक दी और ऋषभ पारधी, पन्नालाल बघेले एवं मनोज बोपचे के खिलाफ हरिजन महिला से एट्रोसिटी का फर्जी मामला कायम करवाया गया. जिसमें शिक्षक के. डी. लिमजे की भूमिका थी, यही नहीं शिक्षक लिमजे की भूमिका भी पंचायत चुनाव में काफी अहम रही, लेकिन राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लिमजे को पंचायत चुनाव में भी स्थानांतरित नहीं किया गया. साथ ही अब सरपंच पति और पूर्व सरपंच यह धमकी दे रहा है कि दि किसी ने पंचायत के कार्यो को लेकर समीक्षा करने की कोशिश की, या पूछा भी तो वह उपसरपंच को राजनैतिक हथियार के रूप में उपयोग कर उसके द्वारा ऐसा करने वालो को जेल भिजवा देगा.  

ग्रामीणों ने कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा से इस मामले में हस्तक्षेप कर गांव में दहशत का माहौल फैला रहे पूर्व सरपंच एवं सरपंच पति दिलीप टेंभरे पर कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाने और एट्रोसिटी के फर्जी मामले की जांच करवाकर, फर्जी रिपोर्ट दर्ज किये जाने की मांग की है और मांग समयसीमा पर पूरी नहीं किये जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.


Web Title : VILLAGERS UPSET OVER FORMER SARPANCH DILIP TEMBHRES WRONG MENTAL AND DICTATORSHIP, HUNDREDS OF VILLAGERS REACHED COLLECTORATE AND DEMANDED JUSTICE