सद्भावना दिवस के रूप में मनाई गई संचार क्रांति के जनक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की जयंती, साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने की कांग्रेस ने ली शपथ

बालाघाट. देश में संचार क्रांति के जनक और 20 वीं सदी में देश को 21 वीं सदी का सपना दिखाकर उसे सच करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 77 वीं जयंती जिला कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस परिवार द्वारा सद्भावना दिवस के रूप में मनाई गई.  

इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी के छायाचित्र पर सूत की माला से माल्यार्पण कर कांग्रेसियों ने उन्हें नमन किया और सद्भावना बनाये रखने और साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने की शपथ ली. जयंती कार्यक्रम में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विश्वेश्वर भगत, वरिष्ठ नेता भीम फुलसुंघे, रहीम खान, जुगल शर्मा, प्रवक्ता विशाल बिसेन, शहर अध्यक्ष श्याम पंजवानी, अल्लारक्खा, सुमन केवलानी, लक्ष्मी वराड़े, श्री बंशकार, आशीष शुक्ला, प्रवीण मदनकर, चंदा धुवारे, रामभाऊ पंचेश्वर, डिंगरू, अशोक डहरवाल, आशु डहरवाल सहित अन्य कांग्रेसी मौजूद थे.

कांग्रेस जिलाध्यक्ष विश्वेश्वर भगत ने बताया कि प्रतिवर्ष 20 अगस्त को देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी का जन्मदिवस सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाता है. जिन्होंने देश के युवाओं, नागरिकों और वैज्ञानिकों का आह्रवान कर देश को 21 वीं सदी का विजन देकर संचार क्रांति को देश में स्थापित किया. जिसके कारण ही उन्हें देश में संचार क्रांति का जनक भी कहा जाता है. सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभालने वाले प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हमेशा ही देश के पड़ोसी देशों से संबंध मधुर रहे है, जिनके नेतृत्व की न केवल पक्ष, विपक्ष बल्कि विदेशों की सरकारें भी सराहना करती थी. जिन्होंने हमेशा ही युवाओं को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया. 18 वर्ष के युवाओं को मताधिकार का प्रयोग कर देश की सरकार के लिए जनप्रतिनिधि चुनने का अधिकार, उनके नेतृत्व की एक बड़ी उपलब्धि है. उनकी कार्यकुशलता, राजनीतिक क्षमता के लोग हमेशा ही कायल रहे है, आज यदि वह हमारे बीच होता तो आज देश कहां से कहां होता. आज उनके जन्मदिन पर कांग्रेस परिवार ने उन्हें याद कर नमन किया है. उनकी जयंती के अवसर पर हमारा युवाओं, बहनों और देश की जनता से आह्रवान है कि वह लोकतंत्र की हत्या कर रही भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर इसका मुकाबला करें. देश में भाजपा लोकतंत्र के नाम पर छल करने का और कोरोना के नाम पर डराने का काम करा रही है. जहां भाजपा को सरकार बचाने या सरकार बनाने की जरूरत होती है, वहां से, कोरोना को भगा देते है और जहां आवश्यकता नहीं होती है, वहां कोरोना रहता है, आज देश में भाजपा सरकार ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह काम कर रही है, नोटबंदी, जीएसटी सहित वर्तमान में बेलगाम महंगाई से न केवल आम वर्ग बल्कि मध्यमवर्गी, व्यापारी हर कोई परेशान है. आज उनके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा पा रहा है, जो आवाज उठाते है, उन्हें देश विरोधी बता दिया जाता है. जिसके खिलाफ अब हमें एकजुट होना होगा.

शहर अध्यक्ष श्याम पंजवानी ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी, देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने 20 वीं सदी में 21 वीं सदी का सपना देखा और उसे पूरा भी किया. हम कांग्रेसी गौरांवित और फख्र महसुस करते है कि हम एक ऐसी विचारधारा वाली पार्टी के कार्यकर्ता है, जिसका नेतृत्व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. जवाहरलाल नेहरू, स्व. इंदिरा गांधी और स्व. राजीव गांधी ने किया. जिनकी सराहना विपक्ष भी करता हो, ऐसे प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की सोच जैसे बिरले ही प्रधानमंत्री होते है, जिन्होंने पक्ष और विपक्ष के लोगों केा साथ लेकर देश को आगे बढ़ाने का काम किया. आज जिस तरीके से साम्प्रदायिक ताकतें झूठ बोलकर सत्ता हासिल कर सत्ता पर बैठे है, वह देश को आगे बढ़ने राजीव जी जैसी सोच कहां पैदा करेंगे. आज कांग्रेस ने शपथ ली है कि वह सद्भावना के साथ देश के ऐसे लोगों के चेहरे आम जनता के सामने बेनकाब करेंगे, जो देश में साम्प्रदायिक आग में झोंकने का काम कर रहे है और देश के लोगों को अपनी नीतियों से परेशान कर रहे है, हम सभी कांग्रेसी कांग्रेस विचाराधारा के साथ आगे बढ़कर देश को ऐसी साम्प्रदायिक ताकतों के हाथो से छुड़वाने का काम करेंगे. जिसके लिए कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक अपनी आवाज को बुलंद करते रहेगी.

जयंती कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ नेता रहीम खान ने कहा कि कुछ लोग जमीन पर राज करते हैं और कु्छ लोग दिलों पर. स्व. राजीव गांधी एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने जमीन के साथ-साथ लोगों के दिलों पर भी राज किया. वे भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में आज भी जिंदा हैं.  

कांग्रेस प्रवक्ता विशाल बिसेन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में देश में कई क्षेत्रों में नई पहल देखने को मिली. जिनमें संचार क्रांति और कम्प्यूटर क्रांति, शिक्षा का प्रसार, 18 साल के युवाओं को मताधिकार, पंचायती राज आदि शामिल हैं. वे देश के कम्प्यूटर क्रांति के जनक के रूप में भी जाने जाते हैं. वे युवाओं के लोकप्रिय नेता थे. उन्होंने अपने प्रधानमंत्री काल में कई ऐसे महत्वपूर्ण फैसले लिए जिसका असर देश के विकास में देखने को मिल रहा है. आज हर हाथ में दिखने वाला मोबाइल उन्हीं फैसलों का नतीजा है.


Web Title : FORMER PRIME MINISTER SELF, THE FATHER OF THE COMMUNICATION REVOLUTION CELEBRATED AS SADBHAVANA DIWAS. CONGRESS VOWS TO FIGHT COMMUNAL FORCES ON RAJIV GANDHIS BIRTH ANNIVERSARY