पंचायत कार्यालयों में सुनापन और पंचायत में लटके ताले, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, योजनायें और विकास कार्य ठप्प

बालाघाट. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों के नवगठित प्रदेश संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर जिला इकाई के नेतृत्व में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्यो से जुड़े सभी अधिकारी, कर्मचारी, चरणबद्व आंदोलन के तहत 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है. जहां जिला मुख्यालय में जिला पंचायत तो जनपद मुख्यालयों में जनपद के सामने अधिकारी, कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गये है. जिसमें संविदा और नियमित अधिकारी, कर्मचारी शामिल है. अधिकारी, कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से पंचायत कार्यालय सुने है तो पंचायत में ताले लटक गये है. जिला मुख्यालय में अधिकारी, कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते जिला पंचायत और जनपद पंचायत कार्यालय के विभागो में सन्नाटा पसरा रहा. जबकि ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित पंचायतों में ताला लटका रहा. जिसके चलते मनरेगा, पीएम आवास, मध्यान्ह भोजन सहित हितग्राही मूलक योजनायें और विकास कार्य ठप्प हो गये है.

गौरतलब हो कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारी बीते 19 जुलाई से दो दिवसीय कलम, कार्यालय बंद हड़ताल पर थे. हड़ताल पर गये अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मांगो को लेकर बीते दिवस सरकार के पंचायत मंत्री द्वारा संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा की, चर्चा बेनतीजा रही और संयुक्त मोर्चा ने 22 जुलाई से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन कलम, कार्यालय बंद हड़ताल पर चले गये. जिसका सीधा असर हितग्राहीमूलक योजनाओं और विकास कार्यो पर पड़ा. वहीं दो दिवसीय कलम, कार्यालय बंद हड़ताल के चलते जनपद और पंचायतो में कामकाज बंद होने से आमजनों को कार्यो के लिए और मजदूरों को भुगतान के लिए परेशान होना पड़ रहा है और यह समस्या अब हड़ताल तक जारी रहेगी.  

इस हड़ताल मंे जनपद सीईओ को छोड़कर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का पूरा अमला, सचिव, रोजगार सहायक, उपयंत्री जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत का अमला, ग्रामीण विकास अधिकारी, पंचायत समन्वयक सहित आरईएस के सभी इंजीनियर्स हड़ताल पर चले जायेंगे. जिससे ग्रामीण विकास विभाग के तहत होने वाले प्रधानमंत्री आवास निर्माण, मनरेगा, एमडीएम, 14 वंे वित्त आयोग के साथ ही विकास कार्यो पर सीधा असर पड़ा है.

संयुक्त मोर्चा जिलाध्यक्ष नामदेव राऊत का कहना है कि 12 जुलाई को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा के प्रदेश आव्हान पर जिला इकाई द्वारा 7 दिनों में कर्मचारियों की मांगो के निराकरण की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था. जिस पर सरकार से मांग की गई थी कि सरकार मांगो पर गंभीरता से विचार कर इसका निराकरण करें, लेकिन आज दिनांक तक शासन द्वारा मांगो के निराकरण को लेकर कोई पहल नहीं की गई. जिसके चलते आंदोलन के प्रथम चरण में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े अधिकारी एवं कर्मचारियों ने 19 एवं 20 जुलाई का सामूहिक अवकाश लेकर कलम, कार्यालय बंद हड़ताल की थी. हमें विश्वास था कि सरकार हमारी मांगो पर ध्यान देगी लेकिन सरकार से संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल की चर्चा बेनतीजा रही. जिसके चलते पूरे प्रदेश सहित जिले में संयुक्त मोर्चा ने आज 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है. सचिव संघ जिलाध्यक्ष भजन वल्के का कहना है कि 19 से ही पंचायतो में ताले लटक गये है, जिससे हितग्राहीमूलक योजनायें और विकास कार्य पूरी तरह से बंद हो गये है. जिसके कारण आम जनता और मजदूरों को परेशान होना पड़ रहा है. यह लड़ाई अब आर-पार की लड़ाई है. अब मांग पूरी करने के बाद ही हम पीछे हटंेगे.

जिले में जिला पंचायत और ब्लॉको में जनपद कार्यालय के सामने होगी हड़ताल

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अधिकारी, कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा के अव्हान पर 22 जुलाई से मांगो के समर्थन में पूरे प्रदेश सहित जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. यह अनिश्चितकालीन कलम, कार्यालय बंद हड़ताल में जिला मुख्यालय में जिला पंचायत के सामने और जनपद मुख्यालयों में जनपद कार्यालय के सामने अधिकारी, कर्मचारी हड़ताल पर बैठे. इस दौरान काफी संख्या में हड़ताल स्थल पर अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे.  

कार्यो और विकास पर लगा ग्रहण

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगो को लेकर दो दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन के प्रथम चरण में किये जा रहे कलम, कार्यालय बंद हड़ताल के चलते कार्यो और विकास पर वैसे ही ग्रहण लग गया था. अब आज 22 जुलाई से शुरू अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण जनपद और पंचायत स्तर पर होने वाले सभी विकास कार्य अवरूद्ध हो गये है. वहीं योजनायें पर इसका असर पड़ा है. अब देखना है कि सरकार कर्मचारी, अधिकारियों की मांगो पर कितने दिनो में विचार करती है. या फिर यह आंदोलन और आगे बढ़ेगा.  


Web Title : HEARING IN PANCHAYAT OFFICES AND LOCKS HANGING IN PANCHAYATS, OFFICIALS, EMPLOYEES, SCHEMES AND DEVELOPMENT WORKS OF PANCHAYAT AND RURAL DEVELOPMENT DEPARTMENT ON INDEFINITE STRIKE STALLED