होली आई रे कन्हाई, शहर में फगवा मांगने निकली किन्नरो की टोली, दे रही दुआयें

बालाघाट. ब्रज भूमि के बरसाने मथुरा के अलावा आश्रमों-देवालयों में होली का पर्व मनाना प्रारंभ कर दिया गया है.  

बाजार पूरी तरह से होली के रंग में रंग चुका है. रंग, अबीर, गुलाल, पिचकारी, मुखौटा समेत तरह-तरह की चीजें यहां दिखने लगी हैं. इसी कड़ी में होली की बधाई भी मांग जा रही है. किन्नर समाज के लोग बाजारों में घूम-घूम कर होली के गीत गा रही हैं और बधाई भी ले रही हैं.

प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी किन्नर समाज की टोली शहर में जजमानों के यहां पहुंचकर जमकर फाग गीत गाकर और बदले में फगुआ भेंट लेकर उन्हें दुआएं दे रही है.

जिले में आगामी दिनों में आने वाले होली पर्व को मनाने को लेकर लोगों मंेे उत्साह दिखाई दे रहा है. बालाघाट मुख्यालय में किन्नरों की टोली जजमानों के यहां पहुंचकर होली आई रे कन्हाई, रंग भरदे.. . जैसे फागगीतों को गाकर फगवा भंेट ले रही है.  

किन्नरों के गुरू रूप किन्नर ने बताया कि प्रतिवर्ष होली में हम शहर में जजमानों के यहां जाकर उनकी रोजी-रोटी में बरकत, परिवार की खुशहाली और बालाघाट के अमनो चैन की दुआयें कर फगवा मांगते है और लोग भी खुशी-खुशी उन्हें फगवा भंेट कर दुआये लेते है. वरिष्ठ किन्नर डाली ने बताया कि जजमानांे के यहां पहंुचकर होली गीतों के माध्यम से हमारी टोली उनके लिए दुआयें करती और उन्हें होली की बधाई देकर फगवा लेती है.  

नगरीय क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 10 में किन्नर समूह के कुछ सदस्य निवास करते है, जो प्रतिवर्ष होली और दीपावली एवं शादियो जजमानों के यहां पहुंचकर उन्हें दुआयें देते है. कहते है कि किन्नरों की दुआयें कभी खाली नहीं जाती है. बालाघाट में किन्नरों की संख्या के बावजूद इनकी आर्थिक उन्नति या विकास के लिए कोई योजनायें नहीं होने से वह स्वयं को समाज से कटा महसुस करते है. जिनके लिए समाज को सोचने की आवश्यकता है.


Web Title : HOLI AAI RE KANHAI, A GROUP OF TRANSGENDERS COME OUT IN THE CITY TO ASK FOR PHAGWA, GIVING PRAYERS