डेंगू की रोकथाम के लिए अंतर्विभागीय कार्यशाला का आयोजन

बालाघाट. प्रदेश के अन्य जिलों में डेगू का संक्रमण होने एवं वर्तमान में डेंगू का संक्रमण काल होने के मद्देनजर बालाघाट जिले में डेंगू की रोकथाम के लिए कार्य प्रारंभ कर दिये गये है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत नगरपालिका परिषद के सभाकक्ष में अंतर्विभागीय कार्यशाला का आयोजन कर डेंगू की रोकथाम के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई. मुख्य चिकित्सा एवं स्वाथ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में मुख्य नगर पालिका अधिकारी सतीश मटसेनिया, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मनीषा जुनेजा, डॉ. अंकित असाटी, नगर पालिका के उपयंत्री सुरेन्द्र राहंगडाले उपस्थित थे.

कार्यशाला में सर्वप्रथम जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मनीषा जुनेजा द्वारा डेंगू का कारण, लक्षण, रोकथाम एवं नियंत्रण के उपायों लार्वा सर्वे, लार्वा विनिष्टिकरण एवं स्पेस स्प्रे की जानकारी विस्तार से दी गई. उन्होंने बताया कि डेंगू यह डेन नामक वायरस के कारण होता है. जो मच्छर के काटने से फैलता है. इसके लक्षणों में 2 से 7 दिन तक बुखार, सिरदर्द, मासपेसियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों के आस-पास दर्द, छाती और दोनों हाथों में लाल चकते, ऐसे लक्षण होने पर तत्काल जिला चिकित्सालय में पहुंचकर एलाईजा टेस्ट कराना चाहिये एवं चिकित्सक की सलाह अनुसार उपचार कराना चाहिये. चूंकि डेंगू का कोई विशेष उपचार नहीं है, अतः बचाव व सावधानी ही मुख्य सुरक्षा है.

डेंगू से बचाव हम सब की जिम्मेदारी

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय द्वारा कार्यशाला में बताया गया कि डेंगू के लार्वा उत्पन्न होने के स्थान, स्त्रोतों की सफाई एवं सावधानियां अपनाकर डेंगू बीमारी से कैसे बचा जा सकता है. उन्होंने इसके संबंध में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने डेंगू के फैलने पर संयुक्त प्रयास से ही नियंत्रण पाये जाने पर बल दिया और कहा कि डेंगू से बचाव हम सब की जिम्मेदारी है. डेंगू से बचने के लिए पानी के बर्तनों,  टंकियों को अच्छी तरह से ढंककर रखें. घर के आस-पास अनुपयोगी पुराने टायरों, बर्तनों, टंकियों को नही रखें ताकि उनमें पानी जमा न हो सके. घर के आस-पास सभी गड्ढों को मिटटी से भर दे. घर के आस-पास जमा पानी जहां मच्छर पैदा होने की संभावना हो, वहां जला हुआ ऑयल या मिट्टी का तेल डालें. सोते समय हमेशा मच्छरदानी का उपयोग करे.

मुख्य नगरपालिका अधिकारी सतीश मटसेनिया ने कहा कि नगरपलिका क्षेत्र बालाघाट में डेंगू नियंत्रण के उपाय निरंतर किये जाते रहेंगें और नगरपालिका का अमला स्वास्थ्य विभाग के अमले के साथ मिलकर कार्य करेगा. उन्होंने बताया कि डेंगू की आंशका को देखते हुए डेंगू प्रभावित वार्डों में लार्वा सर्वे, लार्वा विनिष्टिकरण एवं नियत्रंण के कार्य करने के लिए दलों का गठन कर लिया गया है. जिससे आवश्यकता अनुसार प्रभावित क्षेत्र में शीघ्र रोकथाम के उपाय किया जा सकेगें. कार्यशाला में नगरपालिका परिषद एवं स्वास्थ्य विभाग के संबंधित समस्त अमला उपस्थित था.


Web Title : INTER DEPARTMENTAL WORKSHOP ORGANIZED TO PREVENT DENGUE