भूमि अधिगृहित प्रभावित किसानों की चेतावनी, नौकरी नहीं मिली तो सांसद निवास के समक्ष करेगें भूख हड़ताल

कटंगी. कटंगी-तिरोड़ी ब्रॉडगेज रेल परियोजना निर्माण के लिए जिन किसानों से रेलवे ने भूमि अधिगृहित की है उन किसान परिवारों को एक सदस्य को रेलवे अब तक रेलवे भू-अर्जन अधिनियम 2013 के अंतर्गत नौकरी नहीं दे पाया है. जिसके चलते रेलवे में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले आवेदक परेशान है. 30 सितंबर को इन आवेदकों ने बालाघाट-सिवनी सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन के निवास पर जाकर पुनः ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन के माध्यम से आवेदकों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र नौकरी प्रदान नहीं की गई तो भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसान अपने परिवार सहित 10 अक्टूबर से सांसद निवास के सामने बैठकर धरना प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल करेगें.

गौरतलब हो कि कटंगी, तिरोड़ी, मंडला, सिवनी में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में भू-अर्जन अधिनियम 2013 के अंतर्गत रेलवे द्वारा भूमि अधिग्रहित की गई. जिसमें रेलवे की नीति अनुसार भूमि अधिग्रहित प्रभावित किसान के परिवार के एक सदस्य को रेलवे नौकरी का प्रावधान किया गया था. इस अधिनियम का पालन करते हुए रेलवे विभाग नागपुर ने कटंगी-तिरोड़ी के 42 आवेदकों को नौकरी प्रदान की गई किंतु रेलवे बोर्ड ने 2019 में एक पत्र जारी किया और शेष 100 से अधिक आवेदकों की नौकरी देने पर रोक लगा दी गई. जबकि इस पत्र के पैरा नंबर 5 में यह स्पष्ट था कि यह नीति पत्र के जारी होने के दिनांक से लागू होगी.

बताया जाता है कि कटंगी तिरोड़ी रेल परियोजना के अंतर्गत 214 किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है. उनमें से 163 किसानों के परिवार के सदस्य ने रेलवे में नियमानुसार नौकरी के लिए आवेदन किया 42 लोगों को ही नौकरी दी गई है. जबकि 121 आवेदकों के आवेदन पर विचार नहीं किया गया है. जिस वजह से यहां आवेदक समय-समय पर रेलवे, केंद्र सरकार एवं रेलवे मंत्रालय की तरफ अपना ध्यान आकर्षण कराने के लिए आंदोलन, प्रदर्शन और दिल्ली, नागपुर, बिलासपुर जाकर नेताओं और अफसरों को ज्ञापन सौंपते रहे है. जनवरी 2021 में आवेदकों के द्वारा करीब 7 दिन तक भूख हड़ताल की गई. जिसके बाद रेल अफसरों ने इन आवेदकों को विश्वास दिलाया कि शीघ्र ही उनकी समस्या का समाधान किया जायेगा, परंतु 9 माह का लंबा वक्त बीतने के बावजूद भी इन आवेदकों की कोई सुनवाई नहीं हुई है. अभी इन आवेदकों ने बताया कि जबलपुर भर्ती प्रकोष्ठ ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया है. इसलिए सांसद बिलासपुर भर्ती प्रकोष्ठ से आग्रह करें कि वह भी अपना स्पष्टीकरण जारी करें. किसानों को न्याय दिलाकर नौकरी प्रदान करें आवेदकों ने कहा है कि सांसद इस काम को करने में अगर अक्षम होते हैं तो वह सभी सांसद निवास में बैठकर धरना प्रदर्शन भूख हड़ताल आंदोलन करेंगे.

दरअसल, नियमानुसार रेलवे में नौकरी मिलें इसकी लड़ाई कटंगी एवं तिरोड़ी के प्रभावित किसान लगातार लड़ रहे है पंरतु जनता का चुना हुआ जनप्रतिनिधि सांसद इन आवेदकों को न्याय दिला पा रहा है. जबकि नियमानुसार इन आवेदकों को रेलवे में नौकरी मिल जानी चाहिये थी. बीते 6 साल से तत्कालीन और वर्तमान सांसद रेल अफसरों को यह नहीं समझा पाए है कि आवेदकों को नौकरी मिलनी चाहिए और ना ही केन्द्र सरकार के रेल मंत्री को. जिससे प्रतीत होता है कि सत्ता में बैठे यह जनप्रतिनिधि केवल सरकार की जी हुजुरी में ही लगे रहते है. इन्हें अपने क्षेत्र की जनता से कोई सरोकार ही नहीं है. वरना इन आवेदकों का जायज हक और अधिकार अब तक मिल गया होता. खैर, सांसद को आवेदकों ने एक मौका और दिया अब सांसद चाहे तो अपने घर का घेराव करवायें या फिर आवेदकों को नौकरी दिलवायें.


Web Title : MPS TO GO ON HUNGER STRIKE IN FRONT OF RESIDENCE IF THEY DONT GET JOBS, WARNS AFFECTED FARMERS ACQUIRING LAND