महात्मा फुले एवं आंबेडकर सार्वजनिक जयंती समारोह समिति ने मनाया गया संविधान दिवस

बालाघाट. 26 दिसंबर को पूरे देश में संविधान दिवस मनाया गया. क्योंकि आज ही के दिन भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा औपचारिक रूप से अपनाया गया था. संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था. हालांकि, भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. चूंकि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की 125 वीं जन्म-दिवस के अवसर पर वर्ष 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाये जाने की घोषणा की थी. तब से हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. संविधान दिवस के अवसर पर हमें न सिर्फ स्वतंत्र भारत का नागरिक होने की अहसास होता है बल्कि संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों से हमें अपना हक मिलता है और साथ ही लिखित मूल कर्तव्यों से हमें नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है.  संविधान दिवस समारोह समिति द्वारा मुख्यालय के आंबेडकर चौक में संविधान दिवस मनाया गया और विभिन्न कार्यक्र्रम आयोजित किये गये.  

सार्वजनिक जयंती समारोह समिति अध्यक्ष धर्मेन्द्र रामटेके ने बताया कि संविधान दिवस पर प्रातः डॉ. बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया. जिसके उपरांत समता भवन में मंचीय और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. अध्यक्ष धर्मेन्द्र रामटेके ने कहा कि विश्व में भारत का संविधान ही एक ऐसा संविधान है, जो लिखित और सबसे बड़ा है. जिसमें राष्ट्र के समस्त नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण और दलितो एवं पिछड़ो के लिए आरक्षण की व्यवस्था की. विशेष रूप से हिन्दु कोड बिल से महिलाओं के उत्थान और अवसर निश्चित किये. जिस संविधान पर आज पूरे देश को गर्व है. उन्होंने कहा कि आज कही ना कही संविधान की अवहेलना हो रही है. जिस दिन जनता जाग जाएगी, संविधान सुरक्षित हो जाएगा. उन्होंने बताया कि आज संविधान की प्रस्तावना के साथ ही संविधान की रक्षा का भी संकल्प लिया गया. 26 नवंबर रविवार को संविधान दिवस पर पथ संचलन भी किया गया. वहीं भीम आर्मी सेना ने भी संविधान दिवस पर बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया.


Web Title : MAHATMA PHULE AND AMBEDKAR PUBLIC BIRTH ANNIVERSARY CELEBRATION COMMITTEE CELEBRATES CONSTITUTION DAY