महाराष्ट्र के भंडारा और गोंदिया जिले से ज्यादा बालाघाट जिले में सारस पक्षी, जिले में धान के खेत और वैनगंगा का किनारा बना सारस पक्षियो की शरणस्थली, गणना से पक्षियों के रहवास और संख्या का खुला राज

बालाघाट. जिले में धान के खेत और  वैनगंगा नदी के किनारा, सारस पक्षी (क्रोंच) के लिए शरण स्थली है. जिसका खुलासा पक्षियों की गणना करने वाली सेवा संस्था ने किया है. जिले में वन विभाग, जिला पुरातत्व संस्कृति परिषद और स्थानीय किसान सारस मित्र के सहयोग से सारस पक्षी की गणना के दौरान, संस्था ने यह अनुभव किया है.  बालाघाट में गणना कार्य प्रकल्प प्रभारी सावन बहेकार ने बताया कि जिले में 25 दलों द्वारा सारस पक्षियों की गणना की गई. दलों ने ऐसे 60 से 70 स्थलों पर सारस या क्रोंच पक्षी के घोंसले या शरण स्थल देखें है. उन्होने बताया कि बालाघाट के अलावा गोंदिया और भंडारा जिले में भी इन तरह की गणना की गई है. हालांकि इस वर्ष की गणना में पिछले वर्ष की तुलना में 3 सारस पक्षियों की संख्या कमी आई है. बीते वर्ष 2023 में जिले में 48 सारस पक्षी देखें गए थे. जबकि इस इस वर्ष जिले मंे 45 बालाघाट में, गोंदिया में 28 और भंडारा में 4 पक्षी मिले है.

गणना कार्य प्रकल्प प्रभारी सावन बहेकार ने बताया कि सारस पक्षी को ही संस्कृत में क्रोंच पक्षी के नाम से जाना जाता है. महर्षि वाल्मीकि रामायण में सबसे पहले अगर किसी श्लोक का उल्लेख किया है तो इसी क्रोंच पक्षी का किया है. जो काफी खूबसूरत दिखाई देता है. इसे प्रेम, शांति, खुशी का प्रतीक भी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि यही पक्षी जन्म और पुनर्जन्म का प्रतिनिधित्व करता है. ऐसी किवदंती है कि यह पक्षी अपने साथी के लिए जान भी दे सकता है. जो एक ही घोंसले में वर्षो तक रहता है.

जिसे उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी के रूप में मान्यता है. यह गंगा नदी के मैदानी भागों में बहुतायत में पाया जाता है. उन्होंने बताया कि सारस गणना के लिए चिन्हित दल, स्थानीय किसान सारस मित्रों की सहायता से विश्रांति स्थलों पर सुबह 5 बजे पहुंच जाते और सुबह 9 बजे तक पक्षियों की गणना का कार्य करते थे. जिले में सारस गणना का पूरा अभियान कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा और वनमंडालिधिकारी अभिनव पल्लव, सीईओ जिपं, एसडीओ वन श्रीमती विनीता बामने, सेवा संस्था के अविजित परिहार, संस्कृति परिषद के रवि पालेवार और सेवा संस्था के शशांक लाडेकर, कन्हैया उदापुरे, डिलेश कुसराम, विशाल कटरे, प्रशांत मेंढे, प्रविण मेंढे, विकास फरकुंडे, बबलू चुटे, मधु डोये, निलू डोये, कैलाश हेमने, लोकेश भोयर, पप्पु बिमेन, बसंत बोपचे, राहुल भावे, रतिराम क्षीरसागर, निशांत देशमुख, सिंकदर मिश्रा, नखाते, प्रवीण देशमुख, अमित बेलेकर, पवन सोयम, रिशील डाहाके, संदीप राणा, मोहित पटले, निलेश राणे, जितु हरिनखेडे, हसीन चिखलोडे, विजय चित्रिय का प्रयास रहा.  


Web Title : MORE THAN BHANDARA AND GONDIA DISTRICTS OF MAHARASHTRA, CRANE BIRDS IN BALAGHAT DISTRICT, PADDY FIELDS IN THE DISTRICT AND THE BANKS OF WAINGANGA BECAME A REFUGE FOR STORK BIRDS