श्री गुरूनानकदेव जी के 552 वें प्रकाश पर्व पर निकला नगर संकीर्तन

बालाघाट. सतिगुरू नानक प्रगटिआ, मिटी धुंध जग चानण होआ.. . जैसे महान श्री गुरूनानकदेव जी का 552 वां प्रकाश उत्सव 19 नवंबर को पूरी आस्था, विश्वास और श्रद्वा के साथ गुरूद्धारा में मनाया जायेगा.  

सिक्ख धर्म के गुरू श्री गुरूनानक देवजी के 551 वें प्रकाश उत्सव पर गुरूद्वारा श्री गुरूसिंघ सभा द्वारा विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. कहा जाता है कि पंद्रहवी सदी में जब मुगल हुकुमत का बोलबाला था, हर ओर जोर-जुल्म की आंधी ने पूरे हिन्दुस्तान को घेरे रखा था. जनता त्राहि-त्राहि कर रही थी और चारो तरफ अंधेरा था, उस समय आज से 551 वर्ष पूर्व सन् 1469 में श्रप्ी गुरूनानक देवजी महाराज का अवतरण वर्तमान पाकिस्तान के तलवंडी शहर जो ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध है में हुआ था. जिन्होंने पूरे हिन्दुस्तान को जुल्मों से मुक्त कराया था. जिनके 552 वां प्रकाश उत्सव पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी गुरूद्वारा में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमो के तहत 8 नवंबर से 9 नवंबर तक आयोजित किये गये है.  

जिसके तहत 14 नवंबर को पंचप्यारों के साथ नगर कीर्तन निकाला गया. जो दोपहर 3 बजे गुरूद्वारा से प्रारंभ होकर हनुमान चौक, मेनरोड, काली पुतली चौक, आंबेडकर चौक होते हुए गुरूद्वारा पहुंचा, जहां इसका समापन किया गया. जबकि आगामी 19 नवंबर को प्रथम गुरू नानकदेवजी का 552 प्रकाश उत्सव मनाया जायेगा.  

गुरू के पंच प्यारों के साथ निकाले नगर कीर्तन के पूरे राह में फूल बिछाये गये. इस दौरान बाहर से रागी जत्था और महिलाओं द्वारा शबद कीर्तन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में सिक्ख धर्मावलंबी मौजूद थे. गौरतलब हो कि विगत 8 से 13 नवंबर तक प्रकाश उत्सव पर्व के अवसर पर प्रभात फेरी निकाली गई थी.  

गौरतलब हो कि गुरू श्री नानकदेवजी को हर पंथ और हर धर्म के धर्मावलंबियों ने अपना गुरू माना. श्री गुरूनानक देवजी ने सर्वप्रथम उस समय 20 रूपये से लंगर की सेवा शुरू की थी, जिसका उद्देश्य एक पंगत में बैठकर जात-पात, उंच-नीच, अमीरी-गरीबी को भुलाकर, एक साथ लंगर की खाने की प्रथा शुरू की. जिसके बाद गुरूनानकदेव जी के इस प्रथा को गुरू अंगददेवजी ने बड़े विशाल स्तर पर शुरू किया. जिसे आज भी पूरा सिक्ख समाज गुरू का आदेश मानते हुए उस प्रथा को आज भी जीवंत बनाये हुए है.  

प्रकाश पर्व पर 19 नवंबर को प्रातः 8 बजे श्री अखंड पाठ साहिब जी की संपूर्णता होगी. जिसके बाद विशेष दीवान की प्रारंभता में प्रातः 10 से 11 बजे तक साध संगत जी द्वारा शबद कीर्तन, प्रातः 11 से 11. 30 बजे तक भाई साहब भाई जितेन्दरसिंघ जी और प्रातः 11. 30 बजे से दोपहर 1 बजे तक भाई साहब भाई भूपिंदरसिंघ जी द्वारा शबद कीर्तन किया जायेगा. जिसके उपरांत दोपहर 1. 30 से दीवान की संपूर्णताई उपरांत लंगर की सेवा की जायेगी.   आरंभता, रूमाला चन्दोआ साहिब सेवा और निशान साहिब चोले की सेवा की गई.  


Web Title : NAGAR SANKIRTAN ON 552ND PRAKASH PARV OF SHRI GURU NANAK DEV JI