पेट्रोलियम पदार्थ की मूल्यवृद्धि से पटाखों की कीमत में उछाल,चिल्लर पटाखों की दुकानों की संख्या में ईजाफा, पटाखों के असीमित भंडारण को लेकर कोई जांच नहीं

बालाघाट. जिला पटाखों का एक बड़ा बाजार है, यहां किसी नेता का आगमन हो, क्रिकेट मैच हो या फिर विवाह या कोई उत्सव, पटाखांे की आवाज से शहर को गंुजायमान कर देती है, दीपावली पर भी प्रतिवर्ष बालाघाट में बड़ी मात्रा में पटाखा बेचे जाते है, जिसके चलते थोक व्यापारी बड़ी मात्रा मंे पटाखकर मंगाते है, ताकि त्यौहार के सीजन में पटाखों की कमी न हो. खैरी पटाखा कांड के बाद एकाएक नींद से जागे प्रशासन ने पटाखों के भंडारण को लेकर जांच अभियान छेड़ दिया था लेकिन कालांतर की इस घटना के बाद कभी प्रशासन ने जिले में पटाखों के विक्रेताओं के पटाखा भंडारण की जांच की हो, ऐसा न तो कभी सुनाई दिया औ न ही दिखाई दिया. जबकि सूत्रों की मानें तो हाथी के दांत की तरह जिले के पटाखा व्यवसायी, पटाखांे की डिमांड के चलते भारी मात्रा में पटाखों का भंडारण करते है, चंूकि प्रशासनिक सूत्रों की शिथिलता के कारण प्रशासन तक यह जानकारी नहीं पहुंच पाती है, जिसका पूरा फायदा पटाखा व्यवसायी उठाते है. दीपावली से पूर्व भी पटाखों के भंडारण को लेकर कोई जांच प्रशासनिक अमले द्वारा अब तक की गई हो, ऐसा कुछ नजर नहीं आया है. फिलहाल दीपावली के पूर्व जिले के पटाखा बाजार को लेकर लायसेंसी थोक एवं चिल्लर विक्रेताओं ने बच्चों और बड़ो की पसंदीदा पटाखों को मंगा लिया है. इस वर्ष बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थ की कीमत के चलते पटाखो की कीमत में भी 10 प्रतिशत तक उछाल देखा जा रहा है, मसलन जो पटाखे पिछले वर्ष 100 रूपये में मिल जाते थे, उसके लिए इस वर्ष बढ़ती महंगाई के चलते 110 रूपये चुकाने होंगे.

ट्रांसपोर्ट महंगा होने से बढ़े दाम-जुल्फेकार युसुफ अली

पटाखा के थोक व्यवसायी जुल्फेकार युसुफ अली ने बताया कि इस वर्ष बढ़ते पेट्रोलियम पदार्थ के कारण ट्रांसपोर्ट महंगा हो गया है, जिसके चलते पटाखों की कीमत में भी 10 प्रतिशत तक उछाल है. इस वर्ष पटाखों की रेंज में बच्चों से लेकर बड़ो तक के पसंद के पटाखे मंगाये गये है. भले ही पटाखों की कीमत में बढ़ोत्तरी है लेकिन लोगों का दीपावली पर पटाखों को फोड़ने का उत्साह कम नहीं है, चूंकि पर्यावरण को देखते हुए ग्रीन पटाखों की मांग ज्यादा है, जिसके चलते शिवाकाशी के पटाखे विक्रेताओं द्वारा भी ग्रीन पटाखे ही बनाये जा रहे है, जो बालाघाट में भी उपलब्ध है, उन्होंने कहा कि पटाखा व्यवसायी प्रशासन द्वारा जारी नियमो का पालन करते हुए पटाखा का विक्रय कर रहे है. प्रशासन का वह पूरा सहयोग करने तैयार है.

100 तक बढ़ सकती है इस बार लायसेंसी चिल्लर पटाखा दुकानें-निर्मल सोनी

लायसेंसी चिल्लर पटाखा एशोसिएशन अध्यक्ष पार्षद निर्मल सोनी ने बताया कि बीते वर्ष 80 चिल्लर दुकानें तो जो इस वर्ष बढ़कर 100 के लगभग हो सकती है. प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी उत्कृष्ट विद्यालय के मैदान में चिल्लर पटाखा दुकानें लगाई जायेगी. जहां सुरक्षा के सारे इंतजाम दुकानों के निर्माण से लेकर सुरक्षा उपायो में अग्निशमन, रेत और फायर वाहन मौजूद होंगे. उन्होंने शहर की जनता से अपील की है कि वह पटाखों के डिस्काउंट के प्रलोभन में न जाकर उत्कृष्ट विद्यालय के पटाखा बाजार से उचित दर पर पटाखे खरीदे और अपने पटाखों का आनंद उठाये. इसके साथ अध्यक्ष श्री सोनी ने शहर के कुछ स्थानो में बिना लायसेंस के बेचे जाने वाले पटाखा को लेकर कहा कि ऐसा न करे, यह न केवल गैरकानूनी है बल्कि ऐसा करके स्वयं अपनी दुकान और क्षेत्र को खतरे में डाल रहे है.

चिल्लर पटाखा दुकानों की होने लगी तैयारी

प्रतिवर्ष दीपावली के पूर्व नगर के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान में पटाखों की लायसेंसी चिल्लर दुकानें लगती है. जिसके लिए अलग-अलग दुकानों को बनाया जाता है. जिसकी तैयारियां प्रारंभ हो गई है और चिल्लर दुकानों को बनना प्रारंभ हो गई है. एक जानकारी के अनुसार 30 से 31 अक्टूबर तक यहां दुकानें बनकर तैयार होते हुए पटाखा विक्रय शुरू कर दिया जायेगा.


Web Title : NO INQUIRY INTO PRICE RISE OF PETROLEUM PRODUCTS, RISE IN PRICES OF FIRECRACKERS, INCREASE IN NUMBER OF CHILLER FIRECRACKER SHOPS, UNLIMITED STORAGE OF FIRECRACKERS