बालाघाट. जिले में रेलवे विभाग द्वारा ब्राडगेज लाईन के दौरान गांवो को जोड़ती सड़को में रेलवे क्रार्सिंग पर रेलवे अंडर ब्रिज बनाये है, ताकि ब्रिज से आवागमन सुचारू हो सके और इस दौरान ट्रेक पर ट्रेन आने के बाद भी आवागमन बाधित न हो, लेकिन आवागमन को सुचारू बनाने रेलवे विभाग द्वारा बनाये गये रेलवे अंडर ब्रिज, बरसात के मौसम में परेशानी का सबब बन गये है. जानकारी अनुसार रेलवे विभाग द्वारा जिले में जहां-जहां भी रेलवे अंडर ब्रिज बनाये गये है, वहां-वहां यह समस्या आम है, जबकि कुछ अंडर ब्रिज पर रेलवे ने टिन शेड भी बनाये है, जबकि कई अंडर ब्रिज खुले है, जिसमें खुले अंडर ब्रिज में गर्रा और एकोड़ी मार्ग पर बना अंडर ब्रिज शामिल है, जहां बरसात में जलभराव से ब्रिज से आवागमन पूरी तरह से अवरूद्ध हो गया है, वहीं समीप से बायपास मार्ग पर रेलवे विभाग द्वारा मार्ग को अवरूद्ध कर दिये जाने से लोगों की तकलीफें और बढ़ गई है. जिससे एक दो गांव नहीं बल्कि कई गांवों के लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिससे लोगों में नाराजगी व्याप्त है.
ब्रिज में जलभराव होने से बाधित आवागमन को लेकर नागरिकों का कहना है कि या तो रेलवे ब्रिज के नीचे जलभराव का निराकरण करें या फिर पास से बायपास के रूप में प्रतिबंधित किये गये मार्ग को खोले, चूंकि वर्तमान समय में रेलवे पटरी पर ट्रेनो की आवाजाही बंद है, जिससे बंद किये गये वैकल्पिक मार्ग को खोल दिया जाता है तो ब्रिज मंे भरे जलभराव से आवागमन में हो रही परेशानी से राहत मिल जायेगी. बताया जाता है कि जिले में रेलवे विभाग द्वारा बनाये गये रेलवे अंडर ब्रिज में जलभराव की समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन चिंतनीय बात यह है कि इतने जिम्मेदार विभाग के इंजीनियर्स ने ब्रिज में जलभराव को ब्रिज निर्माण के दौरान दृष्टिगत क्यों नहीं रखा. यदि ब्रिज में जलभराव के पानी की निकासी बनाई जाती तो संभवतः आज यह परेशानी नहीं होती.
जानकारी में पता चला है कि ब्रिज में जलभराव को लेकर अक्सर बरसात में रेलवे, पानी निकालने को लेकर निजी ठेका देता है, लेकिन इस वर्ष ठेका नहीं हो सका है, जिससे ब्रिज के नीचे लगातार हो रही बारिश के कारण जलभराव से लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे गर्रा, एकोड़ी सहित इससे लगे गांवों को आवागमन में परेशानी हो रही है, वहीं दूसरे मुख्यालय तक पहुंचने वाले मार्ग पर लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है.
रेलवे अंडर ब्रिज की तकनीकि खामियों को लेकर पूर्व डीआरएम से की थी चर्चा
भाजपा युवा नेता राज हरिनखेड़े ने जब रेलवे विभाग द्वारा जिले में रेलवे अंडर ब्रिज बनाये गये थे, तभी ब्रिज के नीचे होने वाले जलभराव को लेकर तत्कालीन डीआरएम से इस मामले पर चर्चा कर निराकरण की मांग की थी. हालांकि उस दौरान मिला आश्वासन, आज भी समस्या के जस के तस होने से कोरा आश्वासन बनकर रह गया है. युवा नेता राज हरिनखेड़े का कहना है कि जिले में रेलवे विभाग द्वार जितने भी रेलवे अंडर ब्रिज बनाये गये है, वह अनुपयोगी है, जिसमें ब्रिज के नीचे होने वाले जलभराव के निकासी को लेकर बड़ी तकनीकि खामियां है, जिसको लेकर वह हमेशा रेलवे के बड़े अधिकारियों का ध्यानाकर्षण करवाते रहे है, लेकिन रेलवे विभाग को शायद आम जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है, वर्तमान समय में रेल पटरियों पर रेल परिचालन बंद है तो रेलवे विभाग द्वारा गर्रा-एकोड़ी मार्ग पर बनाये गये ब्रिज के नीचे जलभराव होने से आवागमन में हो रही परेशानी को देखते हुए बंद किय गये वैकल्पिक मार्ग को खोल देना चाहिये.
30 जुलाई को रेलवे सलाहकार बोर्ड में रखा जायेगी यह समस्या-मोनिल जैन
रेलवे सलाहकार बोर्ड सदस्य मोनिल जैन ने कहा कि जिले में रेलवे विभाग द्वारा कई स्थानो पर बनाये गये अंडर पास ब्रिज में शेड लगाये गये है, जबकि कुछ ब्रिज में शेड नहीं है, जहां बरसात के दौरान अक्सर पानी भर जाता है, जिससे लोगों को ब्रिज के नीचे से आवागमन में काफी परेशानी होती है. इससे पूर्व भी हमारे द्वारा ब्रिज के नीचे जलभराव की समस्या को देखते हुए वॉटर हार्वेस्टिंग प्रक्रिया के तहत इस समस्या के निजात के लिए प्रस्ताव दिया गया था. आगामी 30 जुलाई को डीआरएम से रेलवे सलाहकार बोर्ड की बैठक है, जिसमें यह समस्या प्रमुखता से रखी जायेगी.
ब्रिज के नीचे जलभराव को लेकर इंजिनियर से की जायेगी चर्चा
जिले के सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन ने कहा कि यह निर्माण मेरे कार्यकाल नहीं है, लेकिन जो भी रेलवे से संबंधित समस्या आ रही है, उसमें सुधार कार्य करवाया जा रहा है. हम समस्या को ठीक करने की चिंता कर रहे है और यदि ब्रिज के नीचे जलभराव जैसी स्थिति के कारण आवागमन में परेशानी हो रही है तो रेलवे इंजीनियर से चर्चा की जायेगी और उसे ठीक करने के निर्देश दिये जायेंगे.