गोल्ड बिस्किट के नाम से दोस्त ने दोस्त को दिया लाखो रूपये का धोखा, दोस्त से दो बार धोखा खाए पीड़ित रानू माहुले ने लगाई पुलिस से न्याय की गुहार

बालाघाट. कहते है दोस्ती का रिश्ता, सब रिश्तो से बड़ा होता है लेकिन दोस्ती में रानू को ऐसा धोखा मिला कि उसकी पत्नी और बच्चे उसको छोड़कर चले गये है और उसका काम धंधा भी लगभग बंद हो गया है, दोस्त की मदद के लिए उसने जो बाजार से पैसा लिया था, अब पैसे वाले, पैसा वापस करने के लिए दबाव बना रहे है. जिससे पीड़ित रानू माहुले की हालत एक तरफ कुंआ तो दूसरे तरफ खाई जैसी स्थिति पैदा हो गई. दोस्ती में मिले इस धोखे की शिकायत पीड़ित रानू पिता राजेन्द्र कुमार माहुले ने पुलिस अधीक्षक और कोतवाली में की थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने से 22 सितंबर को एक बार फिर रानू माहुले, पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और अपनी शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है.

जिसके बाद पीड़ित रानू माहुल ने एसपी कार्यालय के सामने प्रेस से चर्चा करते हुए दोस्त द्वारा की गई धोखाधड़ी की दास्तां, मीडिया से बयां की.  पीड़ित रानू माहुले की मानें तो बालाघाट में रहने के दौरान योगेश पटले से उसकी पहचान दोस्ती में बदल गई और वह दोनो एक अच्छे दोस्त बन गये. इसी बीच योगेश पटले की जेट एयरवेज में ड्यूटी लग गई, वह नागपुर में रहने लगा. जिसके बाद भी दोनो के बीच दोस्ती कायम रही. इसी बीच 27 फरवरी 2019 को परिवार के साथ हवाई यात्रा से भारत भ्रमण का प्लान तैयार किया गया और इसके लिए उसने अपने दोस्त योगेश पटले के जेट एयरवेज में होने से चर्चा की. जिस पर योगेश ने कहा कि पति-पत्नी और दोनो बच्चों का हवाई यात्रा से भारत भ्रमण का खर्च 03 लाख रूपये होगा.  

रानू माहुले ने बताया कि दोस्त के हवाई यात्रा के खर्च बताये जाने के बाद मेरे द्वारा अपने एसबीआई अकाउंट से योगेश के एसबीआई एकाउंट में 2 मार्च 2019 को 3 लाख रूपये ट्रांसफर किये गये, लेकिन योगेश पटले ने टूर पैकेज यह कहकर नहीं करवाया कि उससे यह राशि खर्च हो गई है और वह जल्द ही वापस कर देगा.  रानू माहुले ने बताया कि इसकी शिकायत मेरे द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय और कोतवाली में की गई थी. जिसमें आज तक कोई कार्यवाही नही की गई. जिसके बाद 2 जुलाई 2023, को फिर योगेश पटले का उसके पास फोन आया और उसने बताया कि कस्टम विभाग नागपुर द्वारा उसका एक पार्सल पकड़ लिया गया है. जिस पार्सल मंे लगभग सात करोड़ 56 लाख के गोल्ड बिस्किट है, जो रिजर्व बैक ऑफ इंडिया नागपुर में जमा है. जिसे छुड़ाने के लिए 10 लाख रूपये की आवश्यकता है. जिसकी फोटो और कुछ कागजात भी योगेश द्वारा मुझे भेजे गये थे और कहा गया था कि इसके बाद वह उसे राशि दे देगा और वह उसका काम धंधा भी अच्छा चलेगा. जिसके चलते दोस्त की मदद करने स्वयं और बाजार से लगभग 4 लाख रूपये की राशि अलग-अलग तिथि में उसे दी गई. जिसके बाद जब काफी दिनों तक उसे योगेश पटले ने राशि वापस नहीं की तो उसने कॉल करके बात करने का प्रयास किया लेकिन योगेश पटले द्वारा उसका फोन उठाना बंद कर दिया. जिसके बाद जब मैने सोने के बिस्किट से जुड़ी जानकारी जुटाई तो मुझे पता चला कि दोस्त योगेश द्वारा मुझे जो भी जानकारी भेजी गई थी, वह फर्जी और कूटरचित दस्तावेज थे. साथ ही यह भी पता चला कि उसके द्वारा अन्य लोगों के साथ भी ऐसा ही कर राशि की वसूली की गई है.  

पीड़ित रानू माहुले को अब पुलिस से न्याय का इंतजार है, पीड़ित की मानें तो उसके द्वारा दिये गये लाखों रूपये की राशि से आर्थिक तंगी और बाजार से उठाये गये राशि के दबाव के कारण हो रही आर्थिक परेशानियों के कारण, उसकी पत्नी और बच्चे भी उसे छोड़कर चले गये है और माता-पिता भी सहयोग नहीं कर रहे है. जिससे वह मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान है. पीड़ित रानू माहुले ने पुलिस अधीक्षक से धोखाधड़ी मामले में कार्यवाही की मांग की है.  

इनका कहना है

इस मामले की शिकायत पूर्व में की गई होगी तो मुझे याद नहीं है और यदि ऐसा कोई मामला है तो मामले की जांच की जायेगी और नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी.

प्रकाश वास्कले, थाना प्रभारी


Web Title : RANU MAHULE, A FRIEND OF THE SAME PERSON, HAS BEEN DUPED OF LAKHS OF RUPEES BY HER FRIEND IN THE NAME OF GOLD BISCUITS.