उस रात जंगल में गूंजती रही गोलियों की आवाज, प्रमोशन पाने वाले हॉकफोर्स जवानों ने सुनाई दास्तां

बालाघाट. केराझरी जंगल में माओवादी हार्डकोर 43 लाख के ईनामी नक्सलियों को मारने वाले हॉकफोर्स और जिला पुलिस बल के 28 जवानो को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 29 जून को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन का फीता लगाकर उनके अदम्य साहस को सम्मानित किया.  01 अप्रैल की रात नक्सली मुठभेड़ में दो हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराने वाले जांबाज हॉकफोर्स के जवानों से उस रात की दास्तां को बयां किया. जवानों का कहना था कि उस रात जंगल में गोलियो की आवाज गूंज रही थी.

नक्सलियों की अंधाधुंध फायरिंग का जवानों ने दिया जवाब-अजीत कुमार

आउट ऑफ टर्न प्रमोशन से उपनिरीक्षक से निरीक्षक बने अजीत कुमार ने बताया कि जैसे ही केरेझरी के जंगल में नक्सलियों के होने की सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों की मिशन के लिए सूचना मिली. वैसे ही पूरी टीम केराझरी के जंगल की ओर रवाना हो गई. लगभग तीन से चार किलोमीटर पैदल चलने के बाद जब हम घने जंगल पहुंचे तो नक्सलियों ने हमें देखकर हम पर फायरिंग शुरू कर दी. हमने उन्हें आत्मसमर्पण के लिए कहा, लेकिन नक्सली हमें गालियां देते हुए अंधाधंुध फायरिंग करने लगे. जिसके जवाब में हमने भी फायरिंग शुरू की. टीम का हर जवान नक्सलियों से सीना तानकर मुकाबला कर रहा था. जिसके बाद नक्सली घबराकर और अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए. एनकाउंटर की रात बीती तो दूसरे दिन काली वर्दी में माओवादी हार्डकोर ईनामी नक्सली सजंती उर्फ क्रांति और रघु उर्फ शेरसिंह का शव मिला. जिनके पास से एके-47, 12 बोर की बंदूक और दैनिक सामग्री को बरामद किय गया. निरीक्षक अजीतसिंह ने बताया कि अब नक्सली भी हाईटेक हो गए है और उनकी ट्रेर्निंग भी अच्छी हो गई है. यही नहीं अब उनके पास एके-47, राकेट लांचर, एलएमजी जैसे हथियार है और अब वह आईडी ब्लास्ट के रूप में कुकर बम का इस्तेमाल फोर्स को नुकसान पहुंचाने के लिए कर रहे है.

हमारे हौंसले बुलंद थे-गोकुलसिंह मेरावी

केराझिरी के जंगल मंे आमने-सामने की मुठभेड़ में नक्सलियों को मार गिराने वाले साहसी उपनिरीक्षक से निरीक्षक बने गोकुलसिंह मरावी ने बताया कि हॉकफोर्स के जवानों का हर स्थिति में लड़ने हमेशा तैयार रहते है, जैसे ही हमें मिशन का पता चला, हम जंगल की ओर निकल गए. लगातार सर्चिंग करने रहते रहने से जंगली माहौल में अभ्यस्त हो चुके जवान, पूरे हौंसले के साथ आगे बढ़ रहे थे. तभी हमारी उपस्थिति का आभास होने पर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी. सभी ने अपनी पोजिशन ली और नक्सलियों को जवाब देने फायरिंग खोल दी. फायरिंग के दौरान वरिष्ठ अधिकारियो ने हमें मनोबल उंचे रखने और धैर्य बनाए रखने की बात कही. ट्रेर्निंग और मार्गदर्शन के बल पर हम अपने मिशन में कामयाब रहे.  

नक्सली हमें दुश्मन दिखाई दे रहे थे-आशाराम 

नक्सलियों से मुकाबले करने जंगल में एनकाउंटर में शामिल रहे आशाराम उईके, आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के बाद प्रधान आरक्षक से आरक्षक बन गए है. जिन्होंने बताया कि मिशन में हमें नक्सली, हमें अपने दुश्मन दिखाई दे रहे थे. हम उनका पीछा करते हुए गोलियां चला रहे थे. काफी देर तक चली लगातार गोलीबारी के बाद रात मंे भी नक्सली रूक-रूककर फायरिंग कर रहे थे. जिसका हमारी ओर से जवाब दिया जा रहा था. एनकाउंटर की पूरी रात जंगल में गोलियां की आवाज गूंजती रही. सुबह जब हमने, मुठभेड़ स्थल के पास सर्चिंग की तो दो नक्सलियों के शव पड़े थे.

नक्सली संगठन के डीवीसीएम और एसीएम स्तर के हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराने में टीम को मिली सफलता-एसपी समीर सौरभ

पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने 01 अप्रैल 2024 को हुई नक्सली मुठभेड़ की कहानी को बयां करते हुए बताया कि केराझरी के जंगल में नक्सल मूवमंेट की जानकारी मिल रही थी. जिसके बाद 30-31 मार्च को एसओजी लांजी को, वहां भेजा गया. जहां से उन्हें पता चला कि नक्सलियों के गांव में आने और ग्रामीणो को धमकाने की प्रबल संभावना है. जिसके बाद मेरे और कमांडेट हॉकफोर्स के नेतृत्व में हॉक और पुलिस बल के टीम को डिटेल में ब्रीफ किया गया. जिसके बाद एसओजी लांजी की टीम, सूचना मिलने पर केराझरी के जंगल में पहुंची तो, वहां सुरक्षाबलों को देखकर नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. जिसके जवाब में सुरक्षाबलो के जवानों की फायरिंग में 43 लाख के ईनामी नक्सली डीवीसीएम सजंती उर्फ क्रांति और एसीएम रघु और शेरसिंह की मौत हो गई थी. जिनके शवों के साथ ही एके-47, 12 बोर की रायफल, दैनिक सामग्री और साहित्य बरामद किया गया.  


Web Title : THE SOUND OF GUNFIRE ECHOED IN THE FOREST THAT NIGHT, THE HAWKFORCE SOLDIERS WHO GOT PROMOTED TOLD THE TALES