दावों की निकली हवा-न रेल चली, न रेलवे अंडरब्रिज में जलभराव की परेशानी हुई दूर

दावों की निकली हवा-न रेल चली, न रेलवे अंडरब्रिज में जलभराव की परेशानी हुई दूर

बालाघाट. जिले की लाईफ लाईन कही जाने वाली रेलसेवा, बीते कोरोना कॉल से बंद है, हालांकि गुड्स ट्रेनो का परिवहन अनवरत रूप से चालु है, लेकिन आम जनता को सस्ता और सुलभ परिवहन देने वाली पैेंसेजर ट्रेनो के बंद होने से जिले के गरीब मजदूर, शिक्षा हासिल करने मुख्यालय पहंुचने वाले विद्यार्थियों और व्यापारी वर्ग पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है, लगभग डेढ़ साल से ज्यादा समय से पैसेंजर रेलसेवा के बंद होने से लोगों को जिले और जिले के बाहर आागमन करने के लिए जेबे हल्की करनी पड़ रही है और महंगा किराये का बोझ उठाकर बसों में सफर करने मजबूर होना पड़ रहा है. जिले में पैसंेजर रेलसेवा को प्रारंभ करने में अब तक नाकाम रहे, सांसद को न केवल रेलसुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे संगठन बल्कि आम जनता की भी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि संगठन के अलावा आम जनता की ओर से रेलसेवा प्रारंभ करने को लेकर कोई आंदोलन या प्रदर्शन नहीं किया गया है, लेकिन संगठन के आंदोलन में एकजुट हो रही जनता से यह संदेश तो जा रहा है कि सालों से बहुप्रतिक्षित रेल परियोजना के पूरी होने की बाट जो रही जनता की, अब पैंसेजर रेलसेवा बंद होने से इंतजार की हद पार हो गई है, यदि रेलसेवा प्रारंभ होने का इंतजार और लंबा होता है तो जनता सड़क पर उतरकर सांसद के खिलाफ भी खड़े हो सकती है.

हालांकि बयानों के माध्यम से सांसद और समर्थक रेलसंघर्ष समिति सदस्य लगातार जनता के बीच अखबारों के माध्यम से प्रमाणित दस्तावेज के साथ यह बताने का प्रयास कर रहे है कि वह लगातार प्रयासरत है, बीते अगस्त में तो ऑनलाईन बैठक की फोटो मय समाचार प्रकाशित करवाकर यह दावा भी कर दिया गया था कि न केवल अगस्त में पैंसेजर रेलसेवा प्रारंभ हो जायेगी बल्कि जिले में रेलवे द्वारा बनाये गये अंडरब्रिज के जलभराव की समस्या को भी हल कर दिया जायेगा, लेकिन समय के साथ सांसद और रेल संघर्ष समिति के वह दावे भी खोखले साबित हो गये. एक बार फिर सांसद के हवाले से रेलसंघर्ष समिति सदस्यों ने जिले में रेलसुविधाओं के विस्तार, रेल के प्रारंभ करने से लेकर कई नये प्रस्तावों के साथ रेलमंत्री से चर्चा का बड़ा समाचार भेजा है, लेकिन इस समाचार में एक चतुराई वाली बात यह है कि जैसा कि पूर्व में अगस्त में रेलसेवा प्रारंभ करने का दावा ताल ठोंककर किया गया था, इसमें वह दावा नहीं किया गया बल्कि यह बताने का प्रयास किया गया है कि जल्द ही रेल परिचालन प्रारंभ होगा, लेकिन जनता अब नियत तिथि चाहती है, केन्द्र सरकार की पार्टी के सांसद होने के नाते जनता यह जानना चाहती है कि आखिर रेल परिचालन कब से शुरू होगा और अभी होगा भी क्या नहीं? जिले के सांसद के उस बयान पर सवालिया निशान खड़ा हो गया, जिसमंे उन्हांेने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार रेल परिचालन की अनुमति नहीं दे रही है, जबकि गत दिनों ही रेलवे विभाग के एक अधिकारी के कटंगी-तिरोड़ी आगमन के दौरान रेलवे अधिकारी ने साफ कर दिया था कि सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही है. जिले की जनता का कहना है कि जब केन्द्र सरकार और रेलमंत्री, सांसद जी के पार्टी के है तो फिर सरकारों की कहां अड़चने है, चूंकि रेल परिचालन का काम रेल मंत्रालय का है. बहरहाल अब देखना है कि विशेष आमंत्रण पर रेल मंत्रालय की बैठक में बुलाये गये सांसद की रखी बातों पर रेल मंत्री और रेल मंत्रालय कितना अमल करता है. वैसे भी सांसद जी, का अक्सर यह कहना होता है कि वह काम करने के बाद बोलते है, लेकिन अब तक रेलसेवा के प्रारंभ करने और रेलवे अंडरब्रिज में जलभराव को लेकर जो कहा, वह भी पूरा नहीं हो सका. तो क्या जिले की जनता के नसीब मंे पहले बहुप्रतिक्षित गोंदिया-जबलपुर ब्राडगेज परियोजना का इंतजार और रेलसेवा प्रारंभ होने का इंतजार ही रह गया है, अन्यथा बाद में इंतजार की हद हो गई.. . . जैसी कहावत का सामना सांसद जी को न करना पड़े.

परियोजना तो हो गई पूरी, बस रेल परिचालन का इंतजार

जिस कोरोना को देखते हुए रेलवे मंत्रालय ने जिले में रेल परिचालन बंद कर दिया, उस कोरोना कॉल में एक अच्छी बात यह रही कि गोंदिया से जबलपुर के बीच लंबित ब्राडगेज परियोजना पूरी हो गई है, वहीं कटंगी से तिरोड़ी का ब्राडगेज मार्ग भी बनकर तैयार है, दोनो ही मार्गो पर सीआरएस और रेलवे परिचालन से जुड़ी लगभग सभी औपचारिकता पूरी हो गई है, लेकिन अब इस मार्ग पर रेल परिचालन का इंतजार है. हालांकि इस मार्ग पर एक्सप्रेस रेल का परिचालन हो रहा है, लेकिन आम जनता को इसमंे नियमित तौर से पैसेंजर रेलसेवा का इंतजार है. जिससे जिले के लोगों की जबलपुर और नागपुर तक की यात्रा सुलभ हो जायेगी. वहीं पैसेंजर रेलसेवा प्रारंभ होने से जिले के गांवो से मजदूरी, पढ़ाई करने और व्यवसाय करने बालाघाट और नागपुर जाने वाले मजदूरों, विद्यार्थियों और व्यवसायियों के साथ ही पड़ोसी राज्यो में रिश्तेदारी के काम से आवागमन करने वाली जिले की आम जनता को सुविधाजनक और सस्ती परिवहन सेवा मिल जायेगी.

कब होगा रेलवे अंडरब्रिज पर जलभराव का स्थायी निराकरण

बारिश मौसम के खत्म हो जाने के बाद भी जिले में बारिश का दौर निरंतर जारी है, विगत कुछ दिनों से जिले में रूक-रूककर हो रही तेज बारिश के चलते जहां नदी, नालों का जलस्तर बढ़ा है, वहीं जिले में रेलवे विभाग द्वारा बनाये गये रेलवे अंडरब्रिज में जलभराव से आवागमन करने वाले लोगों को भारी परेशानियांे का सामना करना पड़ रहा है. कहीं अंडरब्रिज से पार होकर किसानों को खेतों तक जाने मंे असुविधा हो रही है तो कहीं अंडरब्रिज से पार होकर गांव और घर तक पहुंचने में लोगों का परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जबकि इसको लेकर सांसद जी ने रेलवे अधिकारी से चर्चा करने की बात कही थी. जिसके बाद यह भी बयान जारी किया गया था कि इस समस्या के स्थायी समाधान को लेकर रेल अधिकारी दौरा भी करेंगे, लेकिन यह सब हुआ नहीं? यह तो ज्ञात नहीं है लेकिन समस्या के यथावत होने से यह संभावना जरूर है कि यदि होता तो समस्या हल हो गई होती. आज भी जिले में रेल विभाग द्वारा बनाये गये अंडरब्रिज में जलभराव से लोगों को आवागमन के लिए परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है. मजबूरी वश अपने वाहनों को नुकसान पहंुचाकर लोग अंडरब्रिज के ऊपर से गुजरने वाली रेललाईन से होकर किसी तरह वाहन ले जाने मजबूर है. जिसको लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ते जा रही है.


Web Title : THERE WAS NO WIND OF CLAIMS, NO WATERLOGGING IN RAILWAY UNDERBRIDGES.