होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो.., संगीतांजली में गूंजी राग यमन

बालाघाट. सांस्कृतिक संस्था नूतन कला निकेतन, बालाघाट अपने नाम के अनुसार अपने सांस्कृतिक आयोजन में हर बार एक नया आयाम प्रस्तुत करती है. इसे नये आयाम में 25 नवंबर शनिवार को संध्या 7ः30 बजे नूतन कला निकेतन ने अपने संस्थापक अध्यक्ष स्व. मुकुंद भाई त्रिवेदी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में श्रद्धांजली अर्पित करने एक संगीतांजली नाम से आयोजन किया. जिसमें बालाघाट नगर के नवयुवा और वृद्धों ने वे गीत गाएख् जिन्हें सूने सालों साल बीत गये थे. जैसे हेमंत कुमार बने मदन सोनी जिन्होंने छुपा लो दिल प्यार मेरी इतना ही नहीं सुभाष तिवारी यह गुनगुनाते हुए के. एल. सहगल बनकर यह गाने लगे मैं क्या जानू क्या जादू है. नई पीढ़ी के निरेन त्रिवेदी ने अपने दादा के पद्मावती का गीत एक दिल एक जान है ने पद्मावती फिल्म आँखों से गुजार दिया. अक्षत सोनी ने शास्त्रीय संगीत से बद्ध यमन राग का वह गीत तुझे याद कर लिया है आयत की तरह, गाकर लोगों को अपने मोहपाश में बांध लिया. संगीत के मर्मज्ञ मधु हरपाल और वर्षिता शुक्ला की जुगल जोड़ी ने चितचोर फिल्म के उस प्रसिद्ध गीत को गाया जो फिल्म में अमोल पारेकर पर फिल्माया गया था जब दीप जले आना, वहीं जंगली फिल्म में शम्मी कपूर पर फिल्माया वह गीत रासिक अहसन जिसे हम बालाघाट के लोग वाईस ऑफ रफी कहते है ने बहुत ही अच्छे अंदाज़ में एहसान तेरा होगा मुझ पर, उनका यह गाना सुनकर उन्हें जो नाम दिया गया है वह गलत नहीं है. वैसे ही बालाघाट के टाईगर कहलाने वाले मुकेश की आवाज़ को रखने वाले प्रमोद जैन ने संयोग फिल्म का वह गीत भुली हुई यादों मुझे इतना न सताओ, गाकर सभागार मंे संगीत का जादू फैला दिया, डॉ. निखिलेश त्रिवेदी ने अपने पिताश्री को इस गीत के साथ श्रद्धांजली दी होठों से छू लो तुम मेरा गीत अमर कर दो.. . एक बहुत बड़ा साहस मुकुंद भाई का जिनके सहारे कई फिल्मी हस्तियां बालाघाट पहुंची थी, यही नहीं बल्कि उन्होंने बालाघाट की माटी को बॉलीवुड तक पहुंचाया है, नर्तकी फिल्म की शूटिंग गोगोला फिल्म की शूटिंग बालाघाट में करके यहां के कलाकारों को फिल्मी जगत से परिचय कराया है. इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में ज्ञानचंद बाफना, ऋषभदास वैद्य उपस्थित थे. यमन राग से बंधे गीतों की मालाओं को आगे बढ़ाने में संतोष कोसले, श्रीमती डॉ. त्रिवेदी, रूबी अली, प्रभात तिवारी, अमूले श्रीमती नम्रता राठौर के गाए हुए गीतों ने यमन राग की उस बात को पूरा कर दिया.  


Web Title : TOUCH MY LIPS, YOU IMMORTALIZE MY SONG.., SANGANJALI MEIN GUNGI RAAG YAMAN