यह कैसा सफाई अभियान: पहली ही चंद घंटो की बारिश में हनुमान चौक और निचले क्षेत्र में भरा पानी, बालाघाट मेें मानसुन की दस्तक

बालाघाट. लंबे इंतजार के बाद भरी गर्मी से 22 जून में हुई हल्की बारिश और 23 जून की सुबह से ही हो रही बारिश से लोगों को राहत प्रदान की. आषाढ़ के बाद से लोगों को बारिश का इंतजार था, चूंकि उमस भरी गर्मी से लोग हलाकान हो चुके थे. शुक्रवार को सुबह से बारिश का लोगों ने आनंद भी उठाया, वहीं बारिश से बचने के लिए छाते और बरसाती भी बाहर आ गये है. शुक्रवार को सामाजिक दिनचर्या के साथ ही शासकीय कार्यालयो में जाने वाले लोग बारिश से बचते हुए छातो और बरसाती में नजर आये.  

मौसम विभाग के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 23 जून को बालाघाट जिले में कुछ स्थानों में मध्यम से भारी वर्षा तथा तीव्र झोंकेदार हवाओ के साथ वज्रपात की संभावना जाहिर की गई है. इस दौरान हवा की गति 50  किलोमीटर प्रति घंटे रहने की संभावना जताई गई है. वहीं आगामी 2-3 दिनों के दौरान प्रदेश के कुछ हिस्सों में दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होगी.  

पहली चंद घंटो की बारिश में ही नपा के सफाई अभियान की पोल खुल गई. बारिश के दौर मंे जलभराव को लेकर लोगों का कहना है कि शहर में सत्ता बदली लेकिन हालत नहीं बदले. बीते बारिश की तरह ही आज भी जलभराव के ऐसे ही हालत है, हनुमान चौक से लेकर शहर के निचले वार्डो मंे जलभराव चंद घंटो की बारिश में दिखाई दिया. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. एक जानकारी के अनुसार नगर के हनुमान चौक के अलावा नगरीय क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन से ज्यादा वार्डो मंे जलभराव की तकलीफों को रहवासियों ने पहली ही बारिश में झेला. जिससे यह सवाल उठने लगा है कि फिर यह सफाई अभियान कैसा.  

हालांकि इस बार बरसात से पूर्व चलाये गये सफाई अभियान से जलभराव की आशंका नहीं होने की बात जिम्मेदारों ने कही थी लेकिन चंद घंटो की पहली ही बारिश में जलभराव ने उनके दावों की हवा निकाल दी. जानकार कहते है कि यह बालाघाट का दुर्भाग्य है कि शहर को लेकर ना तो जनप्रतिनिधि गंभीर है और ना ही प्रशासन. यही कारण है कि प्रतिवर्ष शहर में बरसात के दौरान लोगों का जलभराव का सामना करना पड़ता है. यह तो मानसुन की चंद घंटो की पहली बारिश का नजारा था, अभी तो पूरा मानसुन बाकी है, यदि हालातो में तत्परता से कोई एक्शन नहीं लिया गया तो निश्चित ही पूरी बरसात लोगों को जलभराव से ना केवल परेशान होना पड़ेगा बल्कि गंदगी से पैदा होनी वाली मौसमी बीमारी का खतरा भी पैदा हो जायेगा.  

शुक्रवार 23 जून को हुई बारिश से बनी जलभराव की स्थिति ने नपा की सफाई अभियान पर सवाल खड़े कर दिये है. जिसका नुकसान भविष्य में होने वाले चुनाव पर भी पड़ सकता है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता. बरसात के कारण नगरीय क्षेत्र के हनुमान चौक और निचले क्षेत्र में भरे जलभराव के कारण लोगों ने नगरपालिका की कार्यप्रणाली पर अपनी नाराजगी जाहिर की.  

शहरी क्षेत्र में जलभराव से ना केवल लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा बल्कि उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ा. सूत्रों की मानें तो नगरीय क्षेत्र के निचले ईलाको में जलभराव के कारण दैनिक उपयोग की सामग्री के भींगने से लोगों को दैनिक जीवन में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. बालाघाट में बरसात के पानी से जलभराव के हालत कब सुधरेंगे, यह तो भगवान ही जाने लेकिन जिस तरह से यह पूरी बरसात जलभराव और गढ्ढो की सड़को से होकर नगरवासियों को गुजारनी पड़ेगी, इसके लिए नगरवासियों को भगवान हौंसला दे, यही प्रार्थना है.


Web Title : WHAT KIND OF CLEANLINESS CAMPAIGN IS THIS: HANUMAN CHOWK AND LOW LYING AREAS FLOODED IN THE FIRST FEW HOURS OF RAIN, MONSOON ARRIVES IN BALAGHAT