एशियन जालान अस्पतालः मर चुके मरीज का शव तीन दिन रखकर बिल बढ़ाने के आरोप में हंगामा, प्रबंधन ने नकारा

धनबादः धनबाद के बरटांड़ स्थित एशियन जालान अस्पताल में बरमसिया के हरिनारायण काॅलोनी निवासी रवीन्द्र प्रसाद सिंह की मौत के बाद रविवार को उनके परिजनों ने अस्पातल के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया. मौत के बाद भी दो दिनों तक आइसीयू (गहन चिकित्सा कक्ष) में शव रखकर बिल बढ़ाने का आरोप लगाया. परिजनों के हंगामा करने पर अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच मामले को शांत कराया.   

क्या है मामलाः 

धनबाद के बरमसिया निवासी 56 वर्षीय रवीन्द्र प्रसाद सिंह को विगत छः मार्च को ब्रेन हेमरेज के बाद इलाज के लिए एशियन जालान अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मृतक के पुत्र भोला सिंह ने कहा कि अस्पताल में बेहतर इलाज न होने के कारण पिता की मौत हो गई. यह भी आरोप लगाया कि मौत दो-तीन दिन पहले ही हो चुकी थी, जिसे अस्पताल प्रबंधन ने जान-बूझकर परिजनों से छिपाये रखा और बिल बढ़ाने का काम किया. पैसों की बार-बार मांग की जाती रही. पिछले दस दिनों में 200000 रूपये जमा करा लिए गए. स्थिति में सुधार न होता देख हमलोगों ने रेफर करने को कहा, तो रेफर भी नहीं किया गया. रविवार को जब रेफर करने का दवाब दिया गया, तो मौत की खबर अस्पताल प्रबंधन ने दी.  

फर्जी डाॅक्टरों का अड्डा हो गया है एशियन जालान अस्पतालः 

मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया कि जानबूझकर मौत की बात कई दिनों तक छुपाई गई और बिल बढ़ाया गया. सारी फाइलें गायब कर दी गईं. न्यूरो सर्जन डाॅ कुणाल इसके जिम्मेवार हैं. एशियन जालान अस्पताल फर्जी डाॅक्टरों का अड्डा हो गया है.  

क्या कहना है अस्पताल प्रबंधन काः 

शनिवार को सर्जरी हुई था. इंट्रावेंर्टिकुलर हेमरेज था. मरीज के परिजनों को सभी सूचना है. हमारे न्यूरो विभाग के डाॅक्टर सक्षम हैं. उन्होंने कई ऑपरेशन किए हैं, जो सफल रहे हैं. मरीज के परिजन मरीज को लेकर मेदांता हाॅस्पीटल ले जाना चाह रहे थे. - डाॅ सी. राजन, सेंटर हेड, एशियन जालान अस्पताल

 मरीज को जब अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तो रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) 203/165 था. पूरी तरह चेतना विलृप्त थी. हमलोगों ने सर्जरी की थी. पूरी बात परिजनों को बता दी गई थी. मरीज की स्थिति बहुत ही गंभीर थी. यह भी बताया गया था महज दस प्रतिशत उम्मीद ही थी. परिजनों की सहमति से ऑपरेशन किया गया था. अस्पताल में आने के बाद से ही मरीज को जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा किया गया था. शनिवार को भी एक छोटा-सा ऑपरेशन किया गया था. दुख की बात है कि मरीज के परिजन उनके शव को लेकर चार लाख रूपये की मांग हमलोगों से करने लगे. - डाॅ. एएन राय, चिकित्सा अधीक्षक, एशियन जालान अस्पताल 

अस्पताल का कोई खर्च परिजनों से नहीं लिया गया

डाॅ ए एन राय ने सिटी लाइव को बताया कि मरीज का एक लाख बीस हजार का बिल हुआ था. इसमें 13000 हजार रूपये की राहत देते हुुुए एक लाख सात हजार रूपये हमने जमा कराया. घटना के बाद 43000 रूपये हमने उन्हें वापस कर दिया.