प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए समिति कामगारों का डाटाबेस तैयार करने में जुटी,अशोक सिंह व सतपाल सिंह ब्रोका समिति के मेंबर

धनबाद. प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने के लिए राज्य स्तर पर झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस श्रमिक रोजगार समन्वय समिति का गठन किया गया है. राज्य के प्रत्येक जिला में समिति के दो सदस्य बनाये गए है. धनबाद जिला से कांग्रेस नेता अशोक सिंह एवं सतपाल सिंह ब्रोका को सदस्य बनाया गया है.

गुरुवार को उपरोक्त सदस्यों ने धनबाद जिला कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर समिति की क्रियाकलाप की विस्तृत जानकारी दी.

प्रेस वार्ता में अशोक सिंह एवं सतपाल सिंह ब्रोका के साथ कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र वर्मा उपस्थित हुुए.

अशोक सिंह ने बताया कांग्रेस पार्टी लॉक डाउन के समय भी दूसरे दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरो को राज्य में लाने के प्रति गम्भीरता दिखाई और अब उनके लौटने पर उन्हें रोजगार प्रदान करने के प्रति भी गम्भीर है.

प्रवासी मजदूरो को फिर से दूसरे राज्यो में पलायन न करना पड़े इसके लिए रोजगार सुनिश्चित किया जाना उनके लिए आवश्यक है. मनरेगा के साथ साथ आउट सौरसिंग कंपनी सहित अन्य उद्योगों में मजदूरो को रोजगार दिलाना समिति का लक्ष्य है. इसके लिए नीति बनाई गई है.

समिति द्वारा बनाये गए फॉर्मेट पर प्रवासी मजदूरो से आवेदन लिया जाएगा. कांग्रेस पार्टी के प्रखंड एवं नगर अध्यक्ष अपने क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों का डेटा संग्रह करेंगे. मजदूरो का डेटा तैयार करने का कार्य अगले 10 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य लिया गया है. इसके बाद फॉर्मेट के आधार पर इछुक प्रवासी से आवेदन लिया जाएगा.

फॉर्मेट के आधार पर स्किल्ड नॉन स्किल्ड मजदूरों को सूचीबद्ध किया जाएगा. इसका एक फायदा यह भी होगा कि उद्योगों में योग्यता अनुसार उन्हें रोजगार दिलाया जा सकेगा. इस कार्य मे प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल पदाधिकारी, श्रम विभाग एवं उपायुक्त का भी सहयोग लिया जाएगा.

सतपाल सिंह ब्रोका ने बताया उन प्रवासी मजदूरों को इम्पलाइमेन्ट एक्सचेंज में भी नाम दर्ज कराया जाएगा. प्रवासी मजदूरो ने लॉक डाउन में बड़ी तखलीफे उठाई है. इस नजरिए से प्राथमिकता के आधार पर उन्हें रोजगार का अवसर प्रदान कराना है.

ब्रजेन्द्र सिंह ने कहा प्रवासी मजदूरों का अगर आयुष्मान कार्ड नही बना है तो ऐसे में केंद्र सरकार से मांग की जाएगी कि आयुष्मान भारत के लाभ से वंचित मजदूरो को इसका लाभ मिले.