आज से खरमास की शुरुआत, मांगलिक कार्यों पर लगा विराम

धनबाद: सनातनी पंचांग के अनुसार वर्ष में दो बार खरमास लगते हैं. इस बार 15 मार्च से खरमास की शुरुआत हो रही है. बुधवार को खरमास की शुरुआत के साथ सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा. पंचांग के अनुसार 15 मार्च की सुबह 06. 39 बजे सूर्य कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेंगे. भगवान सूर्य 14 अप्रैल तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे. यह काल मलमास कहलाता है. इस दौरान शादी-विवाद, मुंडन, गृह प्रवेश सहित सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. वेदाचार्य पंडित रमेश चंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि खरमास के दौरान सूर्य जब मीन या धनु राशि में रहते हैं, तो इसका अशुभ प्रभाव देखने को मिलता है. इस काल में खुद को हर्ष, उल्लास व मांगलिक कार्यों से दूर रखकर भक्ति में मन लगाना चाहिए.

पूरे अप्रैल नहीं बजेगा बैंड-बाजा और बारात: खरमास 14 अप्रैल तक है, लेकिन पूरे अप्रैल माह में शादी-विवाह का मुहूर्त नहीं बन रहा है. आज के बाद सीधे मई माह से बैंड-बाजा और बारात की आवाज सुनाई देगी. मई में विवाह का मुहूर्त 6, 8, 9, 10, 11, 15, 16, 20, 21, 22, 27, 29 और 30 मई को है, जबकि जून में 1, 3, 5, 6, 7, 11, 12, 23, 24, 26 और 27 जून को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं. दोनों माह में कुल 24 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.

पांच महीने का होगा चातुर्मास: साल-2023 अधिमास वाला वर्ष है. इस बार चातुर्मास चार नहीं बल्कि पांच माह का होगा. चातुर्मास में भगवान विष्णु पूरे चार माह के लिए योग निंद्रा में होते हैं, लेकिन इस साल भगवान विष्णु पांच महीने तक योग निंद्रा में रहेंगे. सावन भी दो महीने का होगा. स्पष्ट है कि इस पांच महीने मांगलिक कार्य नहीं होंगे. इस बार मलमास 10 जुलाई से चार नवंबर तक हैं. इसके बाद 23 नवंबर से शादी विवाह के शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. नवंबर और दिसंबर दो माह में महज 12 लग्न ही हैं.