धनबाद : वैश्विक शांति स्थापक एवम् मानवतावादी गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने ब्रुसेल्स में यूरोपियन संसद में अपने भाषण में हाल ही में चल रही शांति मध्यस्थता में अपनी गहरी अन्तर्दृष्टि तथा ध्यान से मध्यस्थता की ओर नामक एक समारोह में अपने अहिंसात्मक दृष्टिकोण के बारे में बताया. अयोध्या मामले, भारतीय इतिहास में सबसे अधिक संवेदनशील एवम् लंबे समय तक चले झगड़ों में से एक,में मध्यस्थों में से एक होने की भूमिका के बारे में बोलते हुए गुरुदेव ने यह बताया कि मध्यस्थता के दौरान क्या हुआ था: ऐसा पहली बार हुआ है कि एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मामले में मध्यस्थता की आवश्यकता पड़ी. मध्यस्थता संपत्ति के अधिकारों एवं कॉरपोरेट मामलों में हुई है,लेकिन इस प्रकार के बड़े मुद्दे को लेकर नहीं,जो सबसे बड़े लोकतंत्र के वर्णक्रम में लिखे हुए इतिहास में शामिल हो जाएगा.