दिलों पर राज करते हैं, नाम है राजपाल

धनबाद: राजपाल यादव सशक्त साहित्यकार हैं. वे हर क्षेत्र में हरफनमौला हैं. उनके व्यक्तित्व और कविताओं में कोई दुराव नहीं है. उपर्युक्त बातें कोयलांचल के वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार बनखंडी मिश्र ने राजपाल यादव के बारे में कहीं. वे साहित्य विचार मंच की साहित्यिक गोष्ठी में राजपाल यादव एवं उनके कृतित्व-व्यक्तित्व पर आयोजित चर्चा को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम का शुभारंभ राजपाल यादव को बुके प्रदान कर हुआ. 

हर गरल को अपने हिस्से के अमृत की तलाश होती है
इस अवसर पर संस्था की उपाध्यक्ष कविता विकास ने राजपाल यादव की साहित्य-साधना पर विशेष प्रकाश डाला. उन्होंने स्वरचित कविता सुनाई, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया, जिसकी एक पंक्ति थी- हर गरल को अपने हिस्से के अमृत की तलाश होती है. उन्होंने राजपाल यादव के साहित्य-सृजन के प्रति ललक, समर्पण और उत्कटता की भी चर्चा की. 

राजपाल की कविताओं का कैनवास बहुत बड़ा है 
साहित्य विचार मंच के सचिव अनिल अनलहातु ने कहा कि राजपाल यादव की कविताओं का कैनवास काफी बड़ा है. वे ओज एवं वीर रस के कवि भी हैं, शृंगार पर भी लिखते हैं. अनलहातु ने है नमन उनको मेरा कविता की तुलना पुष्प की अभिलाषा से, उनके तत्वों के आधार पर की. कहा कि राजपाल यादव की कविता में कथ्य में वीर, ओज, व्यंग्य है.

सदैव समय के साक्षी बने रहेंगे राजपाल
कृष्ण मनु ने कहा कि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व में साम्य पाता हूं. मैं उन्हें तब से जानता हूं, जब वे अलबेला थे. उन्होंने स्त्री पर राजपाल यादव की कविता की भी तारीफ की. साथ ही, आजादी के बाद भी जो दर्द उभरे हैं, पुलवामा त्रासदी, क्रांतिदूत सुभाष जैसे कविता को भी रेखांकित किया. कहा कि वे समसामयिक विषयों पर लिखने में अग्रणी हैं. उन्होंने कहा कि राजपाल यादव सदैव समय के साक्षी बने रहेंगे.  प्रीति कर्ण  ने नील नव है रक्त वर्णी प्रीत की परिकल्पना से.... कविता सुनाकर राजपाल यादव के व्यक्तित्व की प्रशंसा की.  
रामचंद्र मिश्र ने कहा कि राजपाल यादव सहज, सरल, प्रशासनिक क्षमता से भरपूर हैं. उनके अंदर सबको समाहित करने की क्षमता है. वे अपनी बात बड़े सलीके से रख जाते हैं. उनकी कविताएं राष्ट्रवाद को परिलक्षित करती हैं.  सुधांशु पाठक ने बशीर बद्र का शेर सुना राजपाल यादव की प्रशंसा की.  
श्याम नारायण सिंह ने कहा कि राजभाषा के प्रति राजपाल यादव का प्रेम अनुकरणीय है. उनकी नई पुस्तक सामाजिक सरोकारों का संग्रह है.  रवींद्र जी ने कहा कि राजपाल यादव वीर रस के कवि हैं. राष्ट्रप्रेम कूट-कूट कर भरा है.  
नीरजा पप्पी ने कहा कि जी चाहता हूं आज, दे दूं अपनी दुआ, दे दूं उम्र सारी... कविता सुनाकर डॉ़ राजपाल यादव को बधाई दी.  अभिजीत दुबे ने शरद नारायण खरे और ओमप्रकाश तिवारी के समकक्ष उन्हें रखा. राजेंद्र पासवान ने कहा कि उनकी कविताओं की भाषा ठोस और एकार्थी हैं. मनोज वर्णवाल ने कहा कि वे सहज और सरल व्यक्तित्व के स्वामी हैं. मंजू शरण ने उनकी कविताओं और व्यक्तित्व को एकसमान बताया. स्नेहलता ने अपनी कविता के माध्यम से उनका अभिनंदन किया. रत्ना वर्मा ने  व्यक्तित्व है प्रभावशाली, शब्दों के शहंशाह, करते हैं दिल पर राज, नाम है राजपाल कविता सुनाई.  समारोह का संचालन कविता विकास ने किया. 

मैं कहां रिटायर हो रहा हूं, मैं तो शायर हो रहा हूं: राजपाल
अंत में, राजपाल यादव ने इस आयोजन के लिए आभार प्रकट किया. उन्होंने अपनी भावी योजनाओं के बारे में चर्चा की. उन्होंने भविष्य में भी धनबाद एवं कोयलांचल की साहित्यिक गतिविधियों से जुड़े रहने का वादा किया.