Jawaani Jaaneman Review: धीमी शुरुआत से बोरिंग हुआ फर्स्ट हाफ

बॉलीवुड में यूं तो हम सभी ने कई बढ़िया कहानियां देखी हैं लेकिन जब भी सैफ अली खान अपनी किसी फिल्म के साथ आते हैं तो आपका फुल मस्ती करना पक्का है. इस बार सैफ अपनी फिल्म जवानी जानेमन के साथ आए हैं, जो एक फ्रेश और बढ़िया कहानी है साथ ही आपका एंटरटेनमेंट भी करती है.

कहानी

ये कहानी है जैज यानी जसविंदर सिंह (सैफ अली खान) की जो एक रियल एस्टेट एजेंट है. जैज 40 साल का आदमी है जो अपने जवानी के दिनों से आगे नहीं बढ़ पा रहा है. उसे अपनी जवानी और आजादी से प्यार है. इसलिए वो अपनी जिंदगी को कूल रखने के लिए जिम्मेदारियों से दूर रहता है और रोज रात क्लब में जाकर पैसे उड़ाता और अय्याशियां करता है.

जैज की जिंदगी तब पलट जाती है जब उसे टिया (अलाया फर्नीचरवाला) मिलती है. 21 साल की टिया जब जैज के साथ उसके घर आने को तैयार हो जाती है तो वो भी चौंक जाता है. लेकिन उसे नहीं पता कि टिया उसपर जल्द ही बाप होने जैसा बम फोड़ने वाली है. जब जैज को पता चलता है कि वो टिया का बाप है और टिया अपने बॉयफ्रेंड के बच्चे की मां बनने वाली है, उसकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल जाती है. अब आगे क्या होगा यही फिल्म में देखना है.

एक्टिंग

सैफ अली खान बढ़िया एक्टर हैं जो अपने काम से दर्शकों का दिल तो जीतते ही हैं. साथ ही अपने साथी कलाकारों को भी पर्दे पर छाने का मौका देते हैं. हम सभी ने सैफ को फिल्म कॉकटेल में कैसेनोवा बने देखा था लेकिन इस बार उन्होंने अपने रोल में बहुत कुछ अलग किया है.

सैफ का किरदार जैज एक ऐसा प्लेबॉय है जिसका कोई दीन ईमान नहीं है. वो किसी लड़की में कोई फर्क नहीं करता और उसके दिमाग में सिर्फ एक ही चीज चलती है. यहां तक कि वो अपनी दोस्त पर भी चांस मारने में पीछे नहीं हटता और गालियां खाता है.

एक दिलफेंक आशिक से एक जिम्मेदार और फिक्रमंद पिता बनने का सैफ का सफर इस फिल्म में देखने लायक है. वहीं उनके साथ अलाया फर्नीचरवाला की जोड़ी खूब जमी है. किसने कहा सिर्फ रोमांटिक जोड़ियां फिल्मों में जम सकती है. इस बाप-बेटी की जोड़ी में भी कमाल बात है.

ये अलाया की डेब्यू फिल्म है और कहना पड़ेगा कि उनमें भरपूर टैलेंट है. अलाया की मस्ती, उनका दर्द और चीजों को संभाल लेने की उनकी अदा सबकुछ बढ़िया है. एक इमोशनल बेटी जो पहली बार अपने पिता को देख रही है और परिवार से मिल रही है, इस रोल में अलाया को देखना सही में मजेदार है.

वहीं इस फिल्म में तब्बू का स्पेशल अपीयरेंस है. एक हिप्पी औरत अनन्या (तब्बू) जो अपनी बॉडी के चक्रों को बैलेंस रखना पसंद करती है और जैज से अजीब बातें करती हैं. इस किरदार में तब्बू ने अच्छा काम किया है. उन्होंने अपने छोटे से रोल में फिल्म में काफी कुछ नया देखने को दिया.

डायरेक्शन

डायरेक्टर नितिन कक्कड़ ने कोशिश बहुत अच्छी की है. ये फिल्म काफी अच्छे से बनाई गई है. फिल्म की कहानी अच्छी है. लंदन में बेस्ड इस कहानी में फ्रेशनेस भी है और मस्ती-मजा भी. साथ ही आपको इमोशन्स का डोज भी मिलता है. लेकिन फिर भी इस फिल्म में कमी है. नितिन इस फिल्म का पहला हाफ उतने अच्छे तरीके से नहीं परोस पाए. सेकंड हाफ बढ़िया है, लेकिन बहुत सी जगह पर आपको फिल्म की स्पीड धीमी लगती है.

फिल्म की कहानी को काफी सटीक ढंग से बिना बढ़ा-चढ़ाकर बनाई गई दिक्कत के दिखाया गया है. लेकिन फिर भी फिल्म में ऐसी कुछ चीजें हैं जो बेहतर हो सकती थीं. ये फिल्म आपको सिखाती है कि कैसे बच्चों के लिए शादी की जरूरत नहीं है और कैसे आपका जिंदगी में जिम्मेदार होना जरूरी है.

एक्टिंग के अलावा फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और म्यूजिक बढ़िया है. सैफ की फिल्म ये दिल्लगी के गाने ओले ओले का रीमेक आपको इस फिल्म में सुनने को मिलेगा, जो काफी अच्छा है. इसके अलावा मेरे बाबुला गाना आपको काफी इमोशनल करेगा. इसके अलावा बाकी दो गाने भी बढ़िया हैं. कुल-मिलाकर आप इस फिल्म को एक बार तो देख ही सकते हैं.


Web Title : JAWAANI JAANEMAN REVIEW: SLOW START BORING FIRST HALF

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