भोपाल गैंगरेप मामले में चारों आरोपियों को हुई उम्रकैद, फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाया फैसला

भोपालपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा से 31 अक्टूबर को हुए गैंगरेप के चर्चित मामले में सभी चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. स्पेशल जज सविता दुबे ने शनिवार को यह फैसला सुनाया. मामले की गंभीरता और आरोपियों पर लगाई गई धाराओं को देखते हुए सरकारी वकील रीना वर्मा और पीएन सिंह ने कोर्ट से उम्रकैद की अपील की थी. मामले में करीब 28 गवाहों के बयान दर्ज हुए

- कोर्ट के फैसले पर विक्टिम के पैरेंट्स ने कहा, वे दोषियों के लिए फांसी चाहते थे, लेकिन इस फैसले से भी संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि कम से कम दोषी जिंदा रहने तक जेल में तो रहेंगी. इससे वे फिर ऐसा गुनाह कभी नहीं कर पाएंगे.

- मामले की जांच करने वाली एसपी रेल रुचिवर्धन मिश्रा ने कहा, इस तरह के मामलों में जल्दी सुनवाई होने से आरोपियों के हौसले पस्त होंगे. पूरा पुलिस विभाग और ज्यूडिशियरी विक्टिम के परिवार के साथ है.

- सरकारी वकील रीना वर्मा ने कहा, इस तरह के फैसले से कानून पर लोगों का भरोसा और बढ़ेगा. गैंगरेप को कोर्ट ने रेयरेस्ट ऑफ रेयर क्राइम माना है. इसके तहत चारों दोषी नेचरल डेथ तक जेल में ही रहेंगे. कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं के तहत चारों दोषियों पर 3 से 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

- 31 अक्टूबर की शाम को विदिशा निवासी छात्रा के साथ हबीबगंज रेलवे ट्रैक के पास पुलिया के नीचे चार लोगों ने गैंगरेप और लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था.  

- वारदात वाली रात विक्टिम ने हबीबगंज आरपीएफ ऑफिस पहुंचकर एक अनजान नंबर से पिता को फोन किया था. ऑफिस में एक कोने में सहमी सी खड़ी बेटी की हालत देख पिता उसे घर ले आए थे.  
- लड़खड़ाते शब्दों में विक्टिम ने पिता को घटना के बारे में बताया था. बेटी को दिलासा दी और 1 नवंबर को सुबह 9. 30 बजे पत्नी और बेटी के साथ एमपी नगर पुलिस स्टेशन पहुंचे थे. ड्यूटी पर तैनात एसआई आरएम टेकाम ने उनकी पूरी बात सुने बगैर ही विक्टिम और उसके पैरेंट्स को हबीबगंज थाने भेज दिया था.  
- विक्टिम की बात सुनते ही हबीबगंज टीआई उनके साथ दोपहर करीब 11. 30 बजे घटनास्थल पर गए थे. उन्होंने घटनास्थल से ही जीआरपी हबीबगंज को फोन किया, लेकिन वहां से कोई भी स्टाफ मौके पर नहीं गया.  हबीबगंज टीआई के कहने पर रात 8. 30 बजे जीआरपी हबीबगंज ने मामला दर्ज किया.  

- पुलिस जब थानों के सीमा विवाद में उलझे थे तभी विक्टिम और उसके पैरेंट्स आरोपियों को ढूंढने निकल गए. इस बीच विक्टिम ने दो आरोपियों की पहचान की. पैरेंट्स ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. दोनों आरोपियों ने जुर्म कबूल किया और फरार आरोपियों के नाम भी बता दिए है

गैंगरेप मामले में गोलू उर्फ बिहारी (25), अमर उर्फ गुल्टू (25), राजेश उर्फ चेतराम (50) और चौथा आरोपी रमेश उर्फ राजू है.

- रिपोर्ट दर्ज करने में हुई देरी की वजह से एसपी रेल अनिता मालवीय और आईजी योगेश चौधरी का ट्रांसफर किया दिया गया था.

- इनके साथ ही टीआई रवींद्र यादव (हबीबगंज), संजय सिंह बैस (एमपी नगर), मोहित सक्सेना (जीआरपी थाना) और दो एसआई को सस्पेंड किया गया है.

- वहीं, सीएसपी एमपी नगर कुलवंत सिंह को हटाकर पीएचक्यू अटैच किया गया था.

- गैंगरेप मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने डीजीपी समेत आला पुलिस अफसरों की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी.

- सीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि ऐसे मामलों में पुलिस को फौरन एक्शन लेना चाहिए था. उन्होंने रिपोर्ट दर्ज करने में 24 घंटे लगने पर पुलिस से जवाब मांगा था.

- शिवराज सिंह चौहान ने इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट को सौंपा था. राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा था कि घटना के तुरंत बाद यह मामला मेरे सामने लाया गया था. मैंने पुलिस को जरूरी गाइडलाइन दी थी. पुलिस अपना काम कर रही है


Web Title : GERBER, FAST TRACK COURT HEARD VERDICT IN BHOPAL GANGREP CASE