राजीव गांधी की 75वीं जयंतीः कांग्रेस नेताओं ने वीर भूमि पहुंचकर दी श्रद्धांजलि, PM मोदी ने भी किया याद


नई दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती के अवसर पर आज देश उनको याद कर रहा है. अपने नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार सुबह से ही कांग्रेस नेताओं ने उनकी समाधि वीर भूमि पहुंचकर नमन किया. पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने वालों में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस के कई नेता शामिल रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्व पीएम राजीव गांधी को उनकी जयंती के अवसर पर याद किया

 हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल ने वीर भूमि पहुंचकर पूर्व पीएम को नमन किया.  

इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट कर अपने पिता को याद किया. राहुल गांधी ने लिखा, ´आज हम देशभक्त और दूरदर्शी राजीव गांधी जी की 75 वीं जयंती मना रहे हैं, जिनकी दूरदर्शी नीतियों ने भारत के निर्माण में मदद की. मेरे लिए, वह एक प्यार करने वाले पिता थे, जिन्होंने मुझे सिखाया था कि कभी भी नफरत नहीं करना, सभी प्राणियों से प्यार करना और क्षमा करना. ´

आपको बता दें कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 से 1991 के बीच राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे. गौरतलब है कि 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरूंबुदूर में एक विस्फोट में राजीव गांधी की मौत हो गई थी. बताया जाता है कि एक तीस साल की नाटी, काली और गठीली लड़की चंदन का एक हार ले कर उनकी तरफ बढ़ी, जैसे ही वो उनके पैर छूने के लिए झुकी, तभी विस्फोट हो गया.

इस मामले की जांच के लिए सीआरपीएफ के आईजी डॉक्टर डीआर कार्तिकेयन के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया. कुछ ही महीनों में इस हत्या के आरोप में एलटीटीई के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. मुख्य अभियुक्त शिवरासन और उसके साथियों ने गिरफ्तार होने से पहले साइनाइड खा लिया था.  

साल 1991 के आम चुनाव में श्रीपेरुंबुदूर में प्रचार अभियान के दौरान राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस 244 सीटों के साथ सत्ता में आई थी. यह अपनी तरह का एक अनोखा चुनाव था जोकि दो हिस्सों में हुआ था. एक राजीव की हत्या से पहले और एक हत्या के बाद. 20 मई को राजीव की हत्या से पहले 534 संसदीय क्षेत्रों में से 211 में मतदान हो चुका था. बाकी पर चुनाव बाद में, 12 व 15 जून को हुआ. इस चुनाव के नतीजे भी अलग तरह के रहे. राजीव की हत्या से पहले की सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा और राजीव की हत्या के बाद कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिली.

कांग्रेस अचानक नेतृत्वहीन हो गई और राजीव गांधी की शोकसंतप्त पत्नी सोनिया गांधी केंद्र में आ गईं. उस समय उनके सबसे करीबी सलाहकारों में से एक के. नटवर सिंह ने उनसे पूछा कि संसदीय दल का नेता किसे बनाना चाहिए. पी. एन. हक्सर की सलाह पर सोनिया ने नटवर सिंह और अरुणा आसफ अली को शंकर दयाल शर्मा के पास भेजा और उन्हें प्रधानमंत्री पद संभालने के लिए राजी करने का दायित्व सौंपा.

उस वक्त उप राष्ट्रपति शर्मा (जो बाद में राष्ट्रपति बने) को नटवर सिंह और अरुणा आसफ अली प्रधानमंत्री पद संभालने के लिए राजी नहीं कर सके. उन्होंने अपनी उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया. सीडब्ल्यूसी की अपील के बावजूद सोनिया गांधी ने पार्टी का अध्यक्ष बनने से मना कर दिया. इसके बाद हक्सर ने दोबारा पूछे जाने पर नरसिम्हा राव का नाम लिया.

Web Title : RAJIV GANDHIS 75TH BIRTH ANNIVERSARY: CONGRESS LEADERS PAY TRIBUTE TO VEER BHUMI, PM MODI ALSO REMEMBERED

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