विराट कोहली कर रहे हैं एक के बाद एक गलत फैसले, कहीं पड़ न जाए भारी


एंटिगा: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली कई बार मैदान पर ऐसे निर्णय ले लेते हैं जिनका ओर छोर पूर्व दिग्गजों के साथ-साथ क्रिकेट प्रेमियों को भी समझ में नहीं आता है. टेस्ट मैचों के लिए टीम चयन को लेकर उनकी हमेशा आलोचना होती है. वो किसी खिलाड़ी को टीम में शामिल क्यों करते हैं किसी को क्यों बाहर का रास्ता दिखाते हैं ये लोगों की समझ से परे होता है. मैच से पहले सवाल जरूर उठते हैं लेकिन जीत के बाद उन गलतियों पर परदा डल जाता है लेकिन कई बार वही गलतियां टीम को भारी भी पड़ जाती हैं.  

वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज के एंटिगा में गुरुवार को शुरू हुए पहले टेस्ट मैच में भी कुछ ऐसा ही हुआ. विराट ने टॉस हारने के बाद जिस टीम का ऐलान किया उससे सब हैरान थे. विराट ने अंतिम एकादश में रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ी को शामिल नहीं किया. जिस कुलदीप को वो वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान अपना सबसे बड़ा हथियार बता रहे थे उसे भी उन्होंने अंतिम 11 में जगह नहीं दी.  

ऐसे में सुनील गावस्कर ने मैच से पहले विराट के इस निर्णय पर नाखुशी जताई. उन्होंने रोहित शर्मा और अश्निन को टीम में शामिल नहीं किए जाने के विराट के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि यदि रोहित जैसे खिलाड़ी को टेस्ट मैच नहीं खिलाने हैं तो उन्हें टीम में शामिल क्यों किया जाता है. वहीं अश्निन को टीम में शामिल नहीं करने पर पूर्व कप्तान ने तो विराट को आड़े हाथों ले लिया. और कहा इसने (सेलेक्शन) मुझे हैरान कर दिया है. एक खिलाड़ी (अश्विन) जिसके पास ऐसा रिकॉर्ड हो, खासतौर पर वेस्टइंडीज के खिलाफ, उसको शीर्ष-11 में जगह नहीं दी जाती है, ये बेहद चौंकाने वाला फैसला है. ´

विराट ने एक बार फिर लगातार असफल रहने वाले केएल राहुल से पारी की शुरुआत कराई. राहुल भले ही मैच में विकेटों की पतझड़ को रोकने में सफल रहे लेकिन एक बार फिर अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील करने में नाकाम रहे. पिछले साल इंग्लैंड दौरे पर ओवल में 149 रन की पारी खेलने के बाद 9 टेस्ट पारियों में ( 0,4, 33, 2, 44,2,0,9 44 )उनके बल्ले से कोई अर्धशतक नहीं निकला है. इन 9 पारियों में उन्होंने 17. 25 की औसत से महज 138 रन बनाए हैं. उनका सर्वाधिक स्कोर 44 रन रहा है.

रोहित शर्मा को टेस्ट टीम में लगातार जगह दी जा रही है लेकिन उन्हें अंतिम एकादश में बेहद कम बार शामिल किया गया है. कई पूर्व दिग्गज रोहित से वनडे की तरह पारी की शुरुआत कराने की वकालत करते रहे हैं लेकिन विराट ने अन्य खिलाड़ियों के लगातार असफल होने के बावजूद रोहित को पारी की शुरुआत करने का मौका नहीं दिया. जिस तरह वनडे में रोहित ने पारी की शुरुआत करके अपने करियर को एक नई ऊंचाई दी हो सकता है कि टेस्ट में भी पारी की शुरुआत करते हुए बेस्ट साबित हो जाएं. लेकिन विराट का लोकेश राहुल प्रेम टीम इंडिया के लिए बोझ बना हुआ है.  

रविचंद्रन अश्विन को पहले टेस्ट में शामिल न किया जाना बेहद आश्चर्य जनक है. पिछली बार वेस्टइंडीज दौरे पर अश्निन ने शानदार प्रदर्शन किया था. साल 2016 में कैरेबियाई दौरे पर खेले चार टेस्ट मैचों में उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से बेहतरीन प्रदर्शन किया था और मैन ऑफ द सीरीज बने थे. बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 58. 75 की औसत से 235 रन बनाए थे जिसमें 2 शतक शामिल थे. वहीं गेंदबाजी में उन्होंने 23. 17 की औसत से 17 विकेट झटके थे जिसमें दो बार पारी में पांच या उससे ज्यादा विकेट शामिल थे. ऐसे में अश्निन की जगह जडेजा को अंतिम 11 में शामिल करने का कोई औचित्य नजर नहीं आता. अश्निन भी जडेजा की तरह टेस्ट में ऑलराउंडर की भूमिका निभाते हैं. इसलिए विराट के इस निर्णय पर सवाल उठे.  

वेस्टइंडीज के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज के तीसरे और आखिरी वनडे में विराट ने कुलदीप यादव को बाहर करके युजवेंद्र चहल को टीम में शामिल कर लिया. ये फैसला समझ से परे था क्योंकि पिछले दो मैचों में कुलदीप ही वो गेंदबाज थे जिन्होंने सही समय पर सही विकेट चटकाए थे. बारिश से प्रभावित पहले वनडे मैच में एक ही विकेट गिरा था और वो विकेट था क्रिस गेल का, ये विकेट कुलदीप ने ही चटकाया था. इसके बाद दूसरे वनडे में जब शिमरोन हेटमायर और शाई होप एक बड़ी साझेदारी बनाने में जुटे हुए थे, तब वो कुलदीप यादव ही थे जिन्होंने इन दोनों बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया था. फिर भी उन्हें तीसरे वनडे में क्यों बाहर किया गया ये फैसला काफी अजीब था.  

Web Title : VIRAT KOHLI IS MAKING ONE WRONG DECISION AFTER ANOTHER, NOWHERE TO BE OVERDUE

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