NSUI : आदित्य के नेतृत्व में खिलेगा छात्र-विकास का नया सूरज

धनबादः छात्र राजनीति मुख्यधारा की सियासत की नींव होती है. इस क्षेत्र में अपनी लगन, समर्पण और मेहनत दिखाने वाले भावी सियासतदां आगे चलकर राज्य से लेकर देश तक को नेतृत्व देने की क्षमता रखते हैं. छात्र-राजनीति में खपने वाले नेता भविष्य में सियासत के खब्बू बन जाते हैं.

दरअसल, यह राजनीति का ऐसा कोर्स होता है, जिसे पूरा करने के बाद कोई भी पूर्ण राजनीतिज्ञ बनने की अर्हता प्राप्त कर लेता है.

इसलिए छात्र-राजनीति देश में समूचे सियासती-मैदान पर खेला जाने वाला पहला खेल माना जाता है. देश की प्रमुख पार्टियों का अपना-अपना छात्र संगठन है.

उनमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI (नेशलन स्टूडेंट्स यूनियन आॅफ इंडिया) एक अहम स्थान रखती है. 

विगत दिनों धनबाद में एनएसयूआइ का चुनाव हुआ. शहर के सहजानंद नगर स्थित सहजानंद हाॅल में हुए चुनाव में विभिन्न जिलों के अध्यक्ष चुने गये.

साथ ही, प्रदेश अध्यक्ष का भी चुनाव हुआ. मतदान प्रक्रिया से हुए इस चुनाव में धनबाद के जिलाध्यक्ष के पद के लिए कुमार अभिरव उर्फ विकास का निर्विरोध निर्वाचन हुआ.

प्रदेश अध्यक्ष के पद पर तीन-तीन लोगों ने दावा किया था. भूपेश कुमार, आदित्य वर्मा एवं प्रसन्नजीत. फलतः, वोटिंग का सहारा लेना पड़ा. कुल मतदाता 500 में से 150 लोगों ने मतदान में भाग लिया.

चुनाव के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष के पद पर आदित्य वर्मा का चयन हुआ. लेकिन, कुछ विरोधियों ने आदित्य पर तत्काल यह आरोप मढ़ दिया कि आदित्य ने जो सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया है, वह सही नहीं है.

दरअसल, कहा यह गया कि आदित्य वर्मा अपने संस्थान (जिस संस्थान में वह अध्ययनरत हैं) के वर्तमान सत्र के छात्र नहीं हैं.

इससे विवाद बढ़ गया और चुनाव कराने आये पार्टी के पदाधिकारी प्रशांत त्रिपाठी ने कहा कि जांच के बाद अध्यक्ष पद के विजयी प्रत्याशी की घोषणा की जायेगी.

इस तरह सर्वाधिक वोट लाकर भी आदित्य प्रदेश अध्यक्ष के पद को पाने की औपचारिकता से महज कदम-दो कदम की दूरी पर रह गये हैं.

वैसे, आदित्य का कहना है कि उन्होंने कुछ गतल नहीं किया है. चूंकि, उन्हें सबसे ज्यादा वोट आया है. इसलिए उनके विरोधी साजिशन चाल चल रहे हैं.

लेकिन, उन्हें यह विश्वास है कि जांच का परिणाम उनके पक्ष में आयेगा और अंततः विजयश्री की माला वह धारण करेंगे.

हालांकि, जांच फिलवक्त चल रही है. सिटी लाइव से बातचीत में प्रशांत त्रिपाठी ने कहा है कि कुछ ही दिनों में जांच पूरी हो जायेगी.

इधर, राजनीति का ककहरा घर से सीखने वाले आदित्य आत्मविश्वास से लबरेज हैं. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रवीन्द्र वर्मा के सुपुत्र आदित्य ने सियासत के हर पाठ घर में ही पढ़ लिए हैं.

सिटी लाइव से खास बातचीत में वे कहते हैं कि, ‘‘मेरे पास छात्रों के काम करने का विजन है, विकास का रोडमैप मैंने खींच लिया है, केवल अधिकार मिलने की प्रतीक्षा में हूं.

अध्यक्ष पद के लिए मेरा नाम विजेता के रूप में, औपचारिक ढंग से जब से घोषित होगा, तब से मेरे कार्यकाल की समाप्ति तक, छात्र-राजनीति में एक सार्थक एवं लंबी खिंची हुई विकास की लकीर मेरे विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देगी.’’

बातचीत के अंत में आदित्य एक प्रसिद्ध विचारक एनन का कथन कहते हैं कि “Winners don’t do different things, they do things differently.”

Web Title : ADITYA VERMA BECAME NSUI PRESIDENT OF JHARKHAND