जिला परिषद् की बोर्ड हो भंग, कार्य संस्कृति बस नाम की : अशोक सिंह

धनबाद : जिप सदस्य अशोक कुमार सिंह ने आज अपने आवसीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में जिला परिषद् की कार्यशैली के खिलाफ हुंकार भरते हुए कहा कि वहां अभी तक सब कुछ उल्टा-पुल्टा होता ही रहा है.

कार्य संस्कृति नाम की कोई चीज नहीं बची है. पत्राचार कर बोर्ड की बैठक की कार्यवाही की प्रति मांगे जाने के वावजूद उपलब्ध नहीं कराया जाता है. ऐसे बोर्ड के अस्तित्व में रहने का क्या ओचित्य है?

उन्होंने आगे कई अहम सवाल खड़े करते हुए यहां तक कह डाला कि बोर्ड को अविलंव भंग कर दिया जाना चाहिए. इसके लिए वे शीध्र सरकार को पत्र लिखेंगे. 

सिंह ने कहा कि सरकारी पदाधिकारियों की निश्क्रियता एवं कार्य के प्रति उदासीनता के कारण जिले में विकास कार्य को अपेक्षित गति नहीं मिल पा रही है. सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाएं लटकी हुई है.

 

90 दिन में 31 लाख लीटर पानी की आपूर्ति

सिंह ने कहा कि मैने अपने खर्च से पानी एक्सप्रेस चलाकर पूरे क्षेत्र में 31 लाख लीटर से अधिक पानी का वितरण निःषुल्क किया.

गांव में पानी की समस्या का मुख्य कारण गांव के तालाबों का विगत कई वर्षो से जिर्णोद्धार नहीं होना है.

जिला परिषद की चर्चा करते हुए कहा कि पेयजल संकट को देखते हुए 8 मार्च 16 को पत्र लिखकर जिप बोर्ड की बैठक बुलाने की मांग किया था. जिसके बाद 16 अप्रैल को बैठक बुलायी गयी थी.

एक-एक लाख रूपये सदस्यों को देने का निर्णय लिया गया. सुनने में आ रहा है कि 16 अप्रैल की बैठक की कार्यवाही पंजी में पदाधिकायिों के हस्ताक्षर नहीं है. जिसके कारण सदस्यों को पानी के लिए स्वीकृत राशि रोक दी गयी है. मैने पहले ही रूपये नहीं लेने का एलान किया था.

उन्होंने कहा कि बैठक में बिना अनुमोदन के राशि बांटना अंसवैधानिक है. कई बार मांग करने के बाद भी कार्यवाही की प्रति मुझे नहीं दी गयी.

 

स्टेडियम एवं शौचालय बनाने की मांग

सिंह ने कहा कि भू-माफिया पंडुकी मौजा में सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे है. प्रशासन भू-माफियाओं द्वारा कब्जे में की गयी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर स्टेडियम एवं सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करे.

मैं अपनी ओर से शौचालय निर्माण कराने में सहयोग के लिए तैयार हूं.  सिंह ने कहा कि ग्रामीण युवकों की आमदनी बढ़ाने के लिए जैविक खेती, सिचाई की व्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि मेरी अनुशंसा पत्र संबंधित विभाग को भेजने के बाद भी आज तक इस दिषा में कार्रवाई नहीं हुई.

मैने अपने खर्च से मुर्राडीह उप-स्वास्थ्य केंद्र चालू कराया एवं नगरकियारी अस्पताल में डॉक्टर बैठने की व्यवस्था करायी.

कहा कि पदाधिकारियों को जनता के प्रति जबाब देह होना चाहिए. डोभा निर्माण को गलत ठहराते हुए कहा कि सरकार जल संचयन के लिए सरकार गांवों में तालाब का निर्माण करे.

मौके पर  सिंह के निजी सचिव विभूति भूषण चौधरी, अमर तिवारी, मनोज तिवारी, जयंत बराट, मोहम्मद मुस्ताक आदि मौजूद थे.

Web Title : DISTRICT COUNCIL BOARD MUST DISSOLVED SAID ASHOK SINGH

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