सरकार के विरुद्ध खोरठा कलाकारों में भारी आक्रोश

धनबाद : झारखंड सरकार द्वारा खोरठा कलाकारों की उपेक्षा को लेकर तोपचांची के साहुबहियार स्थित विनोद बिहारी महतो टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में खोरठा गीत संगीत साहित्य व कला से जुड़े सैकड़ों कलाकारों का एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया.

खोरठा कलाकार अधिकार गोष्ठी में मुखयत: झारखंड सरकार द्वारा खोरठा कलाकारों की उपेक्षा को लेकर विचार-विमर्श किया गया. गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि खोरठा गीत संगीत साहित्य व कला से जुड़े लोगों को सम्मान देना होगा.  

इन्हीं लोगों के कारण हमारी झारखंडी संस्कृति जिंदा है. झारखंड फिल्म तकनीकी सलाहकार समिति में स्थान नहीं देने से झारखंड के खोरठा भाषा के कलाकार उपेक्षित महसूस कर रहे है. खोरठा के मशहूर गीतकार विनय तिवारी ने कहा कि राज्य में खासकर स्थानीय खोरठा कलाकारों, साहित्यकारों को समिति में जगह नहीं देकर राज्य के खोरठा भाषा भाषियों के साथ घोर अन्याय किया गया.

वहीं गोष्ठी मे मौजूद खोरठा के प्रसिद्ध अभिनेता व मॉडल अमन राठौर ने समिति के प्रति आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि खोरठा कलाकारों को सम्मिलित नही करना हमारी संस्कृति के विरासत पर चोट है. कहा जब झारखंड फिल्म तकनीकी सलाहकार समिति में खोरठा भाषी लोग नही रहेंगे तो खोरठा भाषा के किसी विषय पर निर्णय कौन लेगा.

खोरठा कलाकार अधिकार गोष्ठी में मौजूद साहित्यकारों व कलाकारों ने सरकार की इस नीति पर जमकर हमला बोला. इनलोगों ने कहा कि खोरठा भाषा के साथ हो रहे भेदभाव कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा. मंच के माध्यम से माँग करते हुए कहा कि हमलोग खोरठा भाषी को खोरठा कला साहित्य व संस्कृति मंच दिया जाए.

कार्यक्रम में मुख्य रूप से गायक गौतम महतो, ध्रुव चौबे, अभिनेता अमन राठौर, कुमार युद्धिष्ठिर, रंजीत कुमार, खोरठा कवि श्याम सुंदर महतो, सुधाकर, मो. सेराज, हारून रशीद, राहुल राज सहित सैकड़ों की संख्या में झारखंड के विभिन्न जिलों से आए गीतकार, साहित्यकार, अभिनेता, मॉडल, गायक, फिल्म प्रोडयूसर, डायरेक्टर, चित्रकार, कैरियोग्राफर आदि मौजूद थे.

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्यामसुंदर महतो ने किया एवं संचालन विनय तिवारी के द्वारा किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने मे जगदीश चौधरी, माना पाठक,  विकास तिवारी,  लालचंद महतो,  अकबर अंसारी, अलाउद्दीन अंसारी, दिनेश महतो का अहम योगदान रहा.    

Web Title : HEAVY INDIGNATION IN KHORTA ARTISTS