धनबाद : महान पर्व होली के मौके पर एक ओर जहां हर वर्ग हर्षो उल्लास के साथ रंगो में सराबोर रहा तो वही एक तबका ऐसा भी था जिसने रंग और अबीर न सिर्फ तोबा किया बल्कि आज के इस दिन को काले दिवस के रूप में मनाने को विवश हुए हम बात उन 9 हजार विस्थापितो की कर रहे हैं जो लगातार पिछले 50 वर्षो से पीढी दर पीढी मैथन एवं पंचेत डीवीसी प्रबंधन के समक्क्ष जमीन के बदले नियोजन और मुआवजा पाने की लड़ाई लड़ रहा हैं .
आन्दोलन इतना लम्बा हो चुका हैं अब तिसरी पीढ़ी लड़ाई के लिए आगे आ चुकी है . इस होली के मौके पर घटवार आदिवासी महा सभा के बैनर तलें बलियापुर शिमपाथर गांव में आन्दोलन कारियो ने सभा रखी . सभा में धनबाद , जामताड़ा , पुरूलिया और बर्दमान चार जिलो से सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरूष विस्थापित परिवार के साथ उपस्थित हुए . पुरूषों ने सभा में अर्धनग्न के साथ भागेदारी दी . सभा में राज्य सभा सांसद संजीव कुमार बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए . सभा की अध्यक्षता घटवार आदिवासी महा सभा के सलाहकार रामश्रय सिंह ने की . विदित हो कि इनके आन्दोलन को गम्भीरता से लेते हुए संजीव कुमार ने पुर्व में राज्य सभा में घटवार महासभा की मांगो को प्रमुखता से उठाया हैं उनके इस कदम से आन्दोलनकारियो का हौसला और अधिक मजबुत हो गया हैं .
रामश्रय सिंह ने कहा कि घटवार आदिवासी को ठगा गया हैं महज 500 विस्थापितो को नियोजन देकर डीवीसी ने अन्य 9 हजार विस्थापित को छलने का काम किया हैं डीवीसी जिस 9 हजार विस्थापितो को नियोजन देने की बात कह रही हैं वह फर्जी हैं और महा सभा मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करती हैं .
राज्य सभा सांसद ने कहा कि भले ही मैने विस्थापितो का मुददा संसद में उठा दिया हैं पर इसमें विलम्ब भी हुआ हें यह कदम और पहले ही उठाने की जरूरत थी . उन्होने कहा कि विस्थापितो को लड़ाई अभी और लम्बी लड़नी हैं और इसके लिए उनमें चरित्र निर्माण की जरूरत हैं लड़ाई बड़े लोगो से हैं .