क्या धनबाद भारत के लिए एक घिनौना मजाक हो गया?

धनबाद : बालाजी अपार्टमेंट में रहने वाले भवानी बंदोपाध्याय के पुत्र आयन बंदोपाध्याय ने मीडिया को एक पत्र लिखकर कहा है कि मैं जब छोटा बच्चा था और अपने घर से बाहर जाया करता था तो मेरा अधिकांश परिचयों में एक परिचय धनबाद देश की कोयला राजधानी के रूप में बड़े ही गर्व से कराया जाता था. गैंग्स ऑफ वासेपुर की बदनाम श्रृंगखलाओं के जारी होने तक यह लम्बे समय तक चलता रहा.

पिछले कुछ अवसरों की तुलना में अभी भी स्वाभिमान बरकरार है किंतु एक व्यंग्योक्ति के साथ. अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि धनबाद को कोयला राजधानी के रूप में माइंस रीसर्च इंस्टीच्यूट एवं फ्यूल रीसर्च इंस्टीच्यूट, भारतीय खनि विद्यापीठ, मैथन एवं पंचेत के हाइडेल प्रोजेक्ट, झारखंड नेशनल गेम के सह-आतिथ्य और न जाने अन्य कई रूपों में जिन्हें हम यहां शायद भूल रहे हैं, भारतीयों के बीच जाना जाता है.

हमारा यह शहर हमेशा कोल इंडिया लिमिटेड की एक अनुषंगी कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड जैसे उन्नत उद्योगों का समूह रहा है जिसके अंतर्गत अनेक कोलियरियां एवं वाशरियां हैं. बीसीसीएल संभवतः देश की एक मात्र कोयला उत्पादक कंपनी है जो लम्बे समय से कोकिंग कोल का उत्पादन कर रही है जो कोयले का एक कीमती तथा अपेक्षाकृत अधिक प्रभावी प्रकार है.

शहर में टाटा और इस्को के अनेक कोयला क्षेत्र भी हैं. हाइडेल के लिए डीवीसी तथा टाटा पावर और ओएनजीसी ने कोलबेड़ मिथेन पावर उत्पादन के लिए क्षेत्रों को चिह्नित किया है. हमें नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय रेल का धनबाद प्रमंडल काफी समृद्ध है जो अधिकतम राजस्व का उपार्जन भाड़े के जरिए करता है. उन्होंने लिखा है कि धनबाद को भारत के सर्वाधिक गंदा शहर के रूप में दिखाया गया है. ऐसा हमारे शहर के दयनीय कचड़ा प्रबंधन तकनीक की वजह से हुआ है. ठोस कचड़ा प्रबंधन तथा निपटान को बेकार समझा जाता है कोई भी इस मामले में अपने हाथ गंदा नहीं करना चाहता है.

Web Title : MAXIMIZE REVENUE BUT DHANBAD POLLUTED