समस्याओं के समाधान के लिए सीएम से मिलेगा झारखण्ड पुलिस एसोसिएशन

धनबाद : पुलिस अवर निरीक्षक के प्रोन्नति, स्थानांतरण नीति, केन्द्रीय कल्याण कोष सहित कई अन्य मुद्दों के समाधान के लिए झारखण्ड पुलिस एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री रघुवर दास से भेंट करने का मन बना रहा है.

रविवार को एसोसिएशन की धनबाद शाखा द्वारा आयोजित केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पुलिस पदाधिकारियों की विभिन्न समस्याओं पर गंभीरता से विचार विमर्श किया गया.बैठक में झारखण्ड के सभी जिले के पुलिस एसोसिएशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

बैठक में एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष जोगिंदर सिंह, प्रांतीय महामंत्री अछय राम, प्रांतीय उपाध्यक्ष शंभु यादव, संयुक्त सचिव अश्फाक अहमद सिद्दीकी, तारकेश्वर प्रसाद, धनबाद पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील सिंह, मंत्री दुबराज हेब्रम, अशोक कुमार सिंह, अमित कुमार, रविन्द्र कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे.

बैठक में पुलिस अवर निरीक्षक के प्रोन्नति द्वारा भरे जाने वाले 50 प्रतिशत पद में से 25 प्रतिशत सिपाही सम्वर्ग से (एल.डी.सी.ई.) प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा सीधी नियुक्ति से संबंधित मुद्दे पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई.साथ ही स्तानांतरण नीति पर भी पुलिस एसोसिएशन ने खुलकर अपना पक्ष रखा.

 इस मुद्दे पर विभिन्न जिले से आए हुए वक्ताओं ने कहा कि पुलिस का असमय स्थानांतरण होने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.ऐसा होने से पुलिस के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में भी भारी कठिनाई आती है.वक्ताओं ने सुझाव दिया कि प्रत्येक जिले में पुलिस के बच्चों के लिए हॉस्टल की सुविधा होनी चाहिए.

जिससे पुलिस अधिकारी के स्थानांतरण का प्रभाव बच्चे की पढ़ाई पर नहीं हो.साथ ही इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई कि किसी पुलिस पदाधिकारी की सेवाकाल अवधि 2 वर्ष शेष है तो उसका स्थानांतरण करना असंवैधानिक है.लेकिन हकिकत में इस नियम का पालन नहीं किया जाता है.

कई बार सेवाकाल की समाप्ति अवधि के कुछ माह पूर्व भी पुलिस पदाधिकारी का स्थानांतरण कर दिया जाता है.वक्ताओं ने कहा कि चौबीसो घंटे ड्यूटी करने वाले इंस्पेक्टर तथा दरोगा की समस्याओं को कोई पूछने वाला नहीं है. केन्द्रीय कारिणी की बैठक में केन्द्रीय कल्याण कोष का मुद्दा भी छाया रहा.इस कोष में जमा राशि पुलिस पदाधिकारियों द्वारा जमा करायी गई राशि है.

इस राशि का उपयोग उन पुलिस पदाधिकारियों के लिए है जो कभी किसी विपत्ति में राशि की कमी के लिए अपने को असहाय महसूस करते हैं.इस राशि से वैसे ही जरूरतमंद पुलिस पदाधिकारी की सहायता की जाती है.फिलहाल इसमें 2 से 3 करोड़ रुपए जमा है.लेकिन जब किसी पुलिस पदाधिकारी को सहायता देनी होती है तब उसे केन्द्रीय कल्याण कोष से सहायता के बदले कर्ज के रूप में राशि दी जाती है.

ऐसे नियम से पुलिस पदाधिकारी काफी क्षुब्ध नजर आए.पुलिस पदाधिकारियों का कहना था कि हमारे लिए गठित कल्याण कोष से हमें ही कर्जा देना कहां तक न्यायसंगत है.

इसके अलावा बैठक में पुलिस के लिए अच्छे अस्पताल में ईलाज कराना, मेडिकल पॉलिसी कराना, जिला स्तर पर हाउसिंग लोन की सुविधा प्रदान करना सहित अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई.साथ ही निर्णय लिया गया कि इसके लिए जिलेवार जनजागरण अभियान चलाया जाएगा एवं झारखण्ड के मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव से मिलकर एसोसिएशन की समस्या को उनके समक्ष समाधान के लिए रखा जाएगा.

 

Web Title : MEETING HELD OF JHARKHAND POLICE ASSOCIATION