बहन को अपनी डोली नहीं भाई के अर्थी का इंतज़ार

धनबाद : कल तक जो बहन अपनी शादी की डोली उठने का इन्तजार कर रही थी, आज वही बहन पिछले दस दिनों से अपने भाई के अर्थी के उठने की बाँट जोह रही है, लेकिन उसकी फ़रियाद कोई नहीं सुन रहा है. दरअसल अपनी इकलौती बहन की शादी धूम-धाम से करने को लेकर रूपए कमाने साउदी अरब गए धनबाद के एक भाई की मौत पिछले 6 तारीख को ही दिल का दौरा पड़ने से हो गयी. लेकिन क़ानूनी पेंच की वजह से उसका शव अब तक भारत नहीं आ सका है . आज उसी बहन के हाथ लोगो के आगे अपने भाई का शव पाने के लिए फैल रही है.

 

बहन की शादी के लिए पैसे कमाने गया था अमरजीत

धनबाद के भौरा रेलवे स्टेशन के समीप रहने वाला 25 वर्षीय अमरजीत अपने पिता के मौत के बाद अपने घर की जिम्मेवारी अपने कंधो पर लिए दिसंबर 2014 को साउदी अरब के रियाद चला गया, वहा अमरजीत एक ठेका कंपनी मुसैद एल सेफ एंड संस कंपनी में पलंबर के पद पर काम करने लगा, अपनी इकलौती बहन की धूम-धाम से शादी के सपने संजोय अमरजीत वहा एक-एक रुपया जोड़कर रख रहा था. इधर उसकी बहन और उसके परिजन भी अमरजीत द्वारा कमाए जाने वाली खुशियो की राह देख रही थी. ;लेकिन 6 सितम्बर को आए एक फोन ने उनकी सारी खुशियो को काफूर कर दिया, दरअसल फोन पर उन्हें उनके बेटे की मौत की खबर मिली, मृत अमरजीत की बहन कि माने तो 5 सितंबर को आखरी बार अमरजीत से बात हुई थी. बहन की माने तो कंपनी वाले शव भारत नहीं भेज रहे हैं और न इसकी जिम्मेवारी ले रहे हैं. जिस प्लेसमेंट कंपनी की माध्यम से वह नौकरी कर रहा था उसके प्रतिनिधि ने घरवालों को इस घटना की जानकारी तक नहीं दी.

 

 भाई के शव के लिए लगा रही दफ्तरों के चक्कर

अमरजीत की माँ अपने बेटे के शव की एक झलक देखने के लिए रह रह कर चिख उठती है, वही दूसरी ओर उसकी बहन अपने भाई के शव को वापस लाने के लिए राज्य सरकार से लेकर विदेश मंत्रालय तक  लगाती फिर रही है, लेकिन ना तो जिला प्रशासन और ना ही विदेश मंत्रालय की तरफ से इस बहन को इस दिशा में कोई आश्वासन मिल रहा है . वंही धनबाद की डीसी कृपानंद झा ने शव लाने के लिए अपनी ओर से सारी कार्यवाई कर देने की बात कही है. अब देखना है की कितने दिनों बाद एक बहन को अपने भाई और एक मा को अपने बेटे को अंतिम बार देखने  ख्वाईस पुरी हो पाती है.

 

 

 

Web Title : PALANQUIN WAITING FOR HIS BROTHER TO SISTERS FUNERAL