धनबाद के पंचायतों में मची है लूट

धनबाद : झारखण्ड सरकार त्रिस्तरीय पंचायत का चुनाव करवाती है ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की योजनाएं पहुंच सके. विकास के लिए सरकार अरबों रुपये की फंडिंग भी लगातार पंचायतों को करती आ रही है. लेकिन ग्रामीण जनप्रतिनिधि इन योजनाओं की राशि को लूटने में लगे हैं और उनका साथ जिले और प्रखंडो में तैनात भ्रष्ट पदाधिकारी भी दे रहे हैं.

धनबाद जिले के गोविंदपुर प्रखंड के अंतर्गत आने वाले पंचायतों में भ्रष्टाचार की इस गंगा में न सिर्फ इस क्षेत्र में मुखिया और पंचायत सचिव बल्कि कई पुराने डीडीसी, बीडीओ और इनके अधिनस्त कर्मचारी भी लगातार डुबकी लगाए जा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हीं क्षेत्रों की पंचायत समिति के सदस्यों ने उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे को विगत दिनों एक आवेदन देकर गोविंदपुर प्रखंड के पंचायतों में 13 वें और 14 वें वित्त आयोग की राशि की खुलेआम लूट की जानकारी देते हुए निष्पक्ष जाँच की मांग की है.

उपायुक्त को दिए गए आवेदन में कहा गया है कि पंचायत सचिवालयों में सामग्रियों की खरीदारी में जम कर लूट हुयी है. यहां पानी की टंकी का बाजार मूल्य लगभग 60 हजार रुपये है जबकि इसकी खरीदारी 1 लाख 48 हजार रुपये या इसके आस पास की राशि की लागत से की गयी है. वहीं वी-सेट का बाजार मूल्य जहां 50 हजार के आस-पास है, उसकी खरीदारी 1 लाख 68 हजार रुपये में की गयी है. कई पंचायतों में तो वी-सेट की खरीदारी कागजों में ही की गयी है तो कई वी-सेट मुखिया के घर की शोभा बढ़ा रहे हैं.

इतना ही नहीं इसकी जमीनी हकीकत तो पंचायतों में बयां हो रही है जहाँ निजी डीटीएच कम्पनी की छतरी से एक तार झूला दिया गया है मोडम और कम्प्यूटर गायब है. पंचायतों में लूट के ऐसे कई प्रमाण मौजूद है. उपायुक्त ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और शीघ्र कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

Web Title : PANCHAYAT REPRESENTATIVES BUSY IN ARROGATE SCHEMES FUND