राम का बताया मार्ग उत्तम : प्रपन्नाचार्यजी

निरसा :

भगवान श्री राम का ऐसा उदार चरित्र है, जिसे मानव यदि आत्मसात कर उनके  बताए मार्ग पर चले है तो उसे सांसारिक के साथ पारलौकिक उपलब्धियां भी प्राप्त होती है.

भगवान राम पांच अनुकूल विषय होने पर स्वयं मानव के ह्रदय में विराजते हैं.

पहला योग, दूसरा जप, तीसरा सद्गुरु की कृपा, चौथा भगवान राम पर विश्वास और पांचवां अतिथि सेवा.

यह श्रम कल्याण केंद्र निरसा में राम कथा अमृत वर्षा के छठे दिन कथा वाचक डॉ रामेश्वर प्रपन्नाचार्य शास्त्री जी ने कही.

उन्होंने कहा कि रामचरित मानस मानव दर्पण है.

इसमें जीवन का सम्पूर्ण कृतित्व  दिखता देता है.

बाल कांड सत्य संस्कारों को जागृत करता है.

अयोध्या कांड से जीवन में कर्म करने की प्रेरणा मिलती है.

युवा अवस्था जीवन का अहम हिस्सा है, इसमें यदि वाणी, व्यवहार, निंद्रा, क्रोध, व वासनाओं पर संयम पा लिया जाए तो मानव भगवान राम के सामान संस्कारवान और आदर्श बन सकता है.

भगवान राम ने 14 वर्ष के वन गमन के दौरान अपनी वाणी, व्यवहार तथा सांसारिक वासनाओं से ऊपर उठ कर त्याग का जीवन व्यतीत किया.

उन्होंने कहा कि जो पाने 10 इन्द्रियों को वश में रखता है वह दसरथ है.

जो दसों इन्द्रियों के वश में रहता है वह दशानन है.

दशरथ जैसे चक्रवर्ती सम्राट के जीवन में ज्ञान स्वरूपा कौशल्या के प्राप्त होने पर ही भगवान राम पुत्र के रूप में पधारते हैं.

भगवान राम अपने भक्तों को त्याग, वैराग्य, आपसी सौहार्द, पशु, पक्षी, जीव, जंतु सबको आत्मसात करने की प्रेरणा देते हैं.

कार्यक्रम को सफल बनाने में नर्मदेश्वर सिंह, माधव प्रसाद गोयल, पुरुषोत्तम तायल, बंटी तायल, विक्की गोयल, गोपाल प्रसाद अग्रवाल, विनय तायल, मनोज साव, विजय अग्रवाल, कामेश्वर ओझा सहित अन्य की भूमिका रही.    

Web Title : PATH OF RAMA IS BEST