राजगंज में नहीं रुक रही है कोयले की तस्करी, भारी मात्रा में ईट भट्टों में खप रहा है तस्करी का कोयला

राजगंज : राजगंज तो पहले से ही कोयला तस्करो के लिए स्वर्ग बनी हुई थी. लेकिन धनबाद के नए पुलिस कप्तान राकेश बंसल के आने के बाद ऐसा लगा की शायद अब कोयला तस्करों के पसीने छुटेंगे और कोयले की तस्करी रुक जाएगी . लेकिन ऐसा हो न सका पुलिस कप्तान ने जिले के तमाम थानों को तस्करी रोकने के शख्त निर्देश तो दे दिए कुछ जगहों पर शख्ती से इसका पालन भी हुआ लेकिन राजगंज थाने के कानो में जू तक न रेंगी.

  • प्रति माह सरकार को करोडो के राजस्व का नुक्सान
  • जिले के पुलिस कप्तान के आदेश की हो रही है अवहेलना 
इसी का नतीजा है की आज भी राजगंज थाना क्षेत्र के तिन दर्जनों से भी अधिक ईट भट्टों में तस्करी के कोयले को खपाया जा रहा है. इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है की राजगंज पुलिस कोयला तस्करो पर नकेल नहीं कस सक रही है या तो राजगंज पुलिस इसे संरक्षण देने का काम कर रही है.
राजगंज क्षेत्र में करीब 36 से अधिक ईंट भट्टे है जिसमे से आधे से अधिक में अवैध कोयला यानि चोरी का कोयला खुले आम खपाया जाता है. जिससे सरकार को प्रतिमाह राजगंज से करोडो रुपये के राजस्व का नुक्सान हो रहा है.  
 
 
किस तरह खपाया जा रहा है अवैध कोयला
हमारी टीम ने कुछ भट्टों का जायजा लिया तो देखा की पोलायटांड स्थित जेडीबी ईंट भट्टे में वहा के मुंशी कोयला तस्करो से खुले आम तस्करी का कोयला ले रहे थे. इस संबंध में जब उनसे पूछा गया की आप लोग कोयला कहा से लेट है तो उन्होंने पहले तो बताने में आना कानी की फिर बाद में बताया की तस्करो से कोयला लेते है. अगर तस्करो से कोयला न ले और लाइसेंसी डिप्पो से कोयला लेंगे तो हमे महंगा पड़ेगा. जिसके कारण ईंटे का रेट बढ़ जायेगा.
इसलिए ग्राहकों की सुबिधा के लिए हम तस्करो से काम दाम में कोयला लेते है. उन्होंने बताया की प्रतिदिन चार से पांच टन कोयले का खपत होता है. तस्करो से कोयला लेने पर लगत मूल्य तीन हजार रुपये प्रति टन पड़ता है जबकि लाइसेंसी डिप्पो से कोयला लेने पर वह लागत मूल्य करीब छः हजार से सात हजार रुपये प्रति टन हो जायेगा. इससे हम प्रतिदिन 12 से 15 हजार रुपये यानि महीने में 3,60,000 से 5,50,000 रुपये तक बचा लेते है. इस कारण हम ईंट सस्ते भावो में दे रहे है. ईंट का भाव पूछने पर उन्होंने बताया की एक नंबर ईंट 12 से 15 हजार रुपये प्रति ट्रक व दो नंबर ईंट दस से बारह हजार रुपये प्रति ट्रक में उपलब्ध है. 
 
जब हमारी टीम ने ईंट भट्टे के मालिक राजेश सिंह से सम्पर्क कर मामले की जानकारी लेना चाहा तो पहले तो उन्होंने साफ तौर पर कह दिया की हमारे यहाँ तस्करो से कोयला नहीं ख़रीदा जाता है. टीम द्वारा यह कहे जाने पर की हम आपके भट्टे में खड़े है और यहाँ तस्करो से अवैध कोयले की खरीददारी की जा रही है. इस पर उन्होंने कहा की "हो सकता है एक आद दो साइकल ले लिया होगा छोड़ दीजिये ना" का जबाब मिला. इस संबंध में मुंशी ने बताया की मालिक द्वारा दिए गए निर्देशो का हम पालन कर रहे है. उन्होंने ही तस्करो से सौदा किया है. मेरा काम सिर्फ उनसे माल लेना है. 
 
इस तरह प्रति माह एक भट्टे से सरकार को करीब साढ़े चार लाख रूपये के राजस्व का नुक्सान हो रहा है. तो अगर क्षेत्र में चल रहे 30 में से 20 भट्टो का रेसियो निकला जाये तो प्रति महीने नब्बे लाख रुपये के राजस्व का नुक्सान सिर्फ राजगंज थाना क्षेत्र से सरकार को हो रहा है. 
नाम न छपे जाने के शर्त में भट्टे में कार्य करने वाले एक व्यक्ति ने बताया की कोयला तस्करो से कोयला खरीदने के लिए हमें बाकायदा थाना को चालीस हजार रुपये प्रति माह देना पड़ता है. इससे यही पता चलता है की जिले के पुलिस कप्तान के आदेश की अवहेलना करते हुए राजगंज पुलिस कोयला तस्करो को सरक्षण दे रही है और उसके लिए बाकायदा अच्छी खासी रकम वसूली जा रही है.  
 
 
Web Title : COAL SMUGGLING STILL CONTINUE IN RAJGANJ DHANBAD