धनबाद के लिए खतरा बन गए है अंजान बंदर.जिम्मेदारो की कोशिशे बेकार

धनबाद के राजगंज इलाके में इन दिनों बंदरों का आतंक काफी बढ़ गया है. इनके हमले से अब तक दो जाने जा चुकी है इसके साथ कइयों ने अपने हाथ पैर तुड़वा लिए हैं . इसके डर से लोग रात में अपने घरों की छतों पर जाना छोड़ दिया है. क्या है पूरा मामला देखिये इस रिपोर्ट में--

 

केंद्र और  राज्य में भाजपा का शासन है अगर कोई इंसान किसी गाय को मार दे तो उसे जेल जाना होगा.और इंसान इंसान को मार दे तो उस पर 302 का मुकदमा चलेगा और उसे उम्रकैद की सजा होगी,लेकिन अगर कोई बन्दर या उसका झुण्ड गाय और इंसानो पर हमले करे और उससे मौतें हो जाये तो उसके लिए क्या प्रावधान है?

ये घटना धनबाद जिले के राजगंज इलाके में घटी है जहाँ बंदरों के एक झुण्ड ने गाय पर हमला कर दिया उसके बाद घायल गाय की मौत हो गयी उससे पूर्व बंदरों के उसी झुण्ड ने सुबह में स्नान करने जा रहे एक व्यक्ति मोती गोराई पर हमला कर दिया और भागने के दौरान मोती गिड़ पड़ा और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया बाद में उसकी मौत हो गई .जिसका परिवार आज दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है .

इतना ही नही बाजार में सब्जी विक्रेता हो या क़ोई फल विक्रेता सब के सब परेशान हैं. झुण्ड में आकर बंदर उनके व्यवसाय को तहस नहस कर दे रहे हैं .

कुछ दुकानदारों की हड्डियां भी टूटी है वहीं छोटे बच्चे भी कम भयक्रांत नही हैं स्कुल जाने वाले बच्चों से लेकर घरों की गृहणियो तक में डर समाया  है .हर रक सख्स परेशान है और परेशान लोगों ने सबसे पहले इसकी शिकायत स्थानीय वन विभाग के पदाधिकारियो से की तो  वन  विभाग के तरफ से जाल बिछाया गया लेकिन बन्दर जाल में नही फंसे .

उसके बाद स्थानीय लोगों के अनुसार बन्दरो के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए लोगों ने कई बार अधिकारीयों से मिन्नत की लेकिन नतीजा सिफर रहा .

तब थक हार कर जिस सख्स की गाय मरी थी उसी गणेश अग्रवाल ने 181 पर मुख्यमंत्री जन शिकायत कोषांग में फोन कर सहायता मांगी है .

गणेश अग्रवाल का कहना है कि अगर सीएमओ में शिकायत के बाद भी उनकी समस्या ख़त्म नही होती तो अब वे लोग पीएमओ को ट्वीट कर सहायता मांगेंगे .

 वही जब राजगंज इलाके कि परेशानी पर जिले के DFO सौरभ चन्द्रा से बात की गयी तो उन्होंने बताया की वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है एक बार बिरहोरों को बुलाकर जाल बिछाकर प्रयास किया गया उसके बाद वन विभाग ने अपने कर्मियों को भेजकर बंदरों को जाल में फ़साने का प्रयास किया लेकिन वो बन्दर  मानवीय हथकण्डों से परिचित हो गएँ हैं इसलिए पकड़ में नही आ रहे .

अब विभाग को विशेष गन माँगा गया है ताकि बंदरो को बेहोश कर उन्हें अन्यत्र पहुँचाया जा सके .

हालांकिं बंदरो के हमले  के बाद  गाय अथवा किसी व्यक्ति की मौत से DFO ने साफ इंकार किया है .

 

Web Title : DHANBAD HAS BECOME A THREAT UNKNOWN MONKEY RESPONSIBLE FOR LIABILITY WASTE