धनबाद : कड़ा के की ठंड में सोमवार को गया पुल के निकट रेलवे ट्रैक्शन कॉलोनी में 80 वर्षों बाद अतिक्रमण हटाया गया. अतिक्रमण हटाओ अभियान में 150 खटाल को ध्वस्त कर दिया गया. अभियान सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक चला. मौके पर रेलवे के अधिकारी आरपीएफ के पदाधिकारी और दर्जनों जवान थे. सुबह दस बजते ही जेसीबी लेकर अधिकारी और जवान पहुंचे. मवेशी पालक उनके परिवार के सदस्य जुट गए.
सभी को कहा गया कि दस मिनट के भीतर जगह खाली कर दो, वरना जेसीबी से ध्वस्त कर दिया जाएगा. घरों पर भी बुलडोजर चलेगा. मवेशी पालकों के बीच अफरातफरी मच गई. आनन फानन में घरों से सामान निकाला गया. पांच छह घरों पर जेसीबी चला ही था कि लोगों ने कहा कि वे स्वयं खाली कर देंगे. देखते ही देखते सभी मवेशी पालक परिवार के सदस्यों की मदद से घरों से सामान बाहर निकाल कर रख दिए और रेलवे के मजदूरों ने दीवारों को गिराना शुरू कर दिया.अतिक्रमणहटाओ अभियान के दौरान महिलाएं बच्चे रोते रहे. लेकिन तो अधिकारी को तरस आया और ही आरपीएफ के पदाधिकारियों जवानों का दिल पसीजा. बच्चों ने अपने सिर पर टाली अन्य सामान को ढोया. एक बच्चे को इस दौरान चोट भी लग गई और काफी देर तक रोता रहा. अंधेरा होने से पहले अधिकारी जवान चले गए. कहा कि मंगलवार को फिर अभियान चलेगा. जगह को पूरी तरह से खाली कराया जाएगा. फिर कांटे की तार से जगह की घेराबंदी की जाएगी. ताकि दोबारा कोई अतिक्रमण कर सके. मवेशी पालक परिवार के सदस्यों ने साथ खुले आसमान की नीचे कड़ाके की ठंड में रात गुजारे. मवेशी पालकों का कहना था कि उन्होंने नेताओं निगम के मेयर को फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. किसी ने मदद नहीं की.80 वर्षीय विरंची यादव का कहना है कि वे अंग्रेजों के जमाने से रह रहे हैं. उनका जन्म भी ट्रैक्शन कॉलोनी में ही हुआ था. उस समय पांच लोग ही यहां थे. धीरे-धीरे लोग बढ़ते गए और इस वर्ष तक खटालों की संख्या 150 हो गई. 1000 के आसपास लोग यहां रहते हैं. ट्रैक्शन कॉलोनी, पांडर पाला, रांगाटांड़ के लोगों के साथ-साथ स्टेशन के आसपास के दुकानदारों में भी दूध बेचते हैं. मेयर ने कहा कि था कि आवास योजना के तहत बारामुड़ी में आवास खटाल बना कर देंगे, लेकिन नहीं दिया गया. सितंबर में खटाल हटाया जा रहा था, लेकिन बारिश का मौसम होने की वजह से छठ पूजा तक की मोहलत दी गई, ताकि इस बीच बारामुड़ी में व्यवस्था हो जाए. जबकि तो आवास बना और ही कोई सुध लेने आया है.मवेशी पालकों का कहना था कि रेलवे प्रशासन सिर्फ खटाल हटा रही है. रेलवे हॉस्पिटल कॉलोनी, न्यू रेलवे स्टेशन कॉलोनी, डायमंड क्रॉसिंग ट्रैक्शन कॉलोनी, सभी जगहों पर सिर्फ खटाल को हटाया गया, लेकिन आसपास कई झोपडिय़ां थी, लेकिन किसी को तोड़ा गया. कई रेलकर्मी हैं, जो झोपड़ी बना कर रहे हैं. कइयों ने किराया पर लगा रखा है. यह भी तो अतिक्रमण है.