झारखंड में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत बनाने कि कवायद शूरू

धनबाद : झारखंड में भाजपा सरकार बनने के बाद पंचायतों मजबूत बनाने की कवायद शुरू की गई है

झारखंड में पहला त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2010 में हुआ था. चुनाव में निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने को है और दूसरे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2015 की तैयारी जोरों पर है.

पंचायतों को मिली शक्तियां और अधिकार का क्रियान्वयन करने के लिए उप विकास आयुक्त सह जिला परिषद धनबाद के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया है.

पांच साल में पंचायतों को उनका पूरा अधिकार नहीं मिल सका है. जो अधिकार मिले हैं वह हकीकत में कम कागजी ज्यादा हैं.

बुधवार को समाहरणालय में डीडीसी की अध्यक्षता में झारखंड पंचायत राज अधिनियम के प्रावधानों के आलोक में शक्तियों प्रत्याजोन संबंधी बैठक हुई.

डीडीसी सिंह ने कहा कि संविधान की धारा-243 (G) की शर्तो के अनुसार ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों पर पंचायतों को शक्तियां और अधिकार प्रदान किया जाना है, जो उन्हें स्वायत शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने में समर्थ बनाने के लिए आवश्यक हो.

आर्थिक विकास एवं सामाजिक न्याय की योजनाओं को तैयार करने एवं लागू करने की शक्ति प्रदान कर सके.

उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियां कृषि, एवं गन्ना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग, गव्य, विकास, पेयजल एवं स्वच्छता, लघु सिंचाई, उद्योग, खाद्य आपूर्ति आदि विभाग आते हैं.

उन्होंने कहा कि कार्य, वित्त, एवं कार्यकारी संस्थाओं की शक्तियों का प्रत्याजोन पंचायतों में होगा. जिला परिषद सदस्य तारा देवी ने सवाल उठाया कि पांच साल तक पंचायतों को अधिकार नहीं दिया गया.

अब जब फिर से चुनाव का समय आ गया तो अधिकार देने की बात की जा रही है.

पांच साल में मात्र शिक्षा और खाद्य आपूर्ति का ही सीमित अधिकार पंचायतों को मिला है.

बैठक में सिविल सर्जन ने बताया कि धनबाद में 67 ममता वाहन चल रहे हैं.

ममता वाहन का टॉल फ्री नंबर-9204063010 और 9204063011 है. डायल कर ममता वाहन को बुलाया जा सकता है.

टॉल फ्री नंबर आंगनबाड़ी केंद्र, पीएचसी आदि में दर्ज है. डीडीसी ने निर्देश दिया कि कौन सा वाहन किस क्षेत्र में चल रहा है इसकी सूची उपायुक्त और जिला परिषद सदस्यों को उपलब्ध कराई जाय.

निर्देश दिया गया कि सीएस जब पंचायतों में जांच पर जाएंगे तो पंचायत समिति सदस्य को सूचित करेंगे.

जिला परिषद सदस्यों ने वद्धापेंशन एवं विधवा पेंशन बड़ी संख्या में लाभुकों को नहीं मिलने का मुद्दा उठाया.

डीडीसी ने पंचायतों को मिले अधिकारों का अनुपालन पदाधिकारियों का कराने का निर्देश दिया.

बैठक में जिप उपाध्यक्ष संतोष महतो, एडीएम विधि व्यवस्था पीएन मिश्रा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी परवेज इब्राहिमी आदि उपस्थित थे.

Web Title : JHARKHAND GOVERNMENT READY TO STRENGTHN PANCHAYAT