श्राद्धपक्ष में पूर्वजों की स्मृति में लगाया ‘सजीव स्मारक’

झरियाः सनातन धर्म की मान्यताओं के मुताबिक आश्विन मास के कृष्ण पक्ष का पूरा पखवारा पितरों के तर्पण का समय माना जाता है.

लगभग सभी परिवार अपने-अपने पितरों को तिल या तंडुलमिश्रित जल देकर तर्पण करते हैं. दरअसल, तर्पण का मूल अर्थ तृप्त करना होता है.

ऐसे में, मौजूदा दौर में, पेड़-पौधों की महत्ता को समझते हुए तर्पण के रूप में, यदि पौधरोपण किया जाए, तो इससे अच्छी और अनूठी चीज और क्या होगी.

जी हां, ऐसा ही किया है झरिया के कुछ वरिष्ठ नागरिकों ने, जिन्होंने अपने-अपने पूर्वजों के नाम पर कई फलदार पौधे लगाए. यह अभिनव आयोजन किया था- झरिया की पर्यावरण-हितैषी संस्था ग्रीन लाइफ ने.

गुरूवार को, ग्रीन लाईफ की तरफ से आयोजित इस कार्यक्रम में, वरिष्ठ नागरिकों ने दुर्गापुर स्थित कुष्ठ कालोनी में, स्व. पंडित यागेश्वर मिश्र, स्व. थारूमल जी, स्व. मालीराम अग्रवाल, स्व. शिवजतन तिवारी एवं स्व. लोभी प्रसाद की स्मृति में आम, अमरूद, शरीफा, पिस्ता बादाम एवं सागवान के पौधे लगाकर श्रद्धासुमन अर्पित किया.

पौधरोपण करने वालों में शामिल वयोवृद्ध पत्रकार बनखण्डी मिश्र, समाजसेवी जयकुमार सचदेवा, देशबन्धु सिनेमा के संचालक गोपाल अग्रवाल, शिक्षा जगत के स्तंभ कामेश्वर प्रसाद तिवारी, लाईफ संस्था के गिरिजा प्रसाद ने मुक्त कंठ से ग्रीन लाईफ की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि, ‘‘इस तरह का आयोजन अत्यंत सराहनीय है. आज लगाए गये पौधे वृक्ष बनकर हमारे पूर्वजों की याद में सजीव स्मारक के रूप में स्थापित होंगे. भविष्य के ये वृक्ष लोगों के लिए आय के स्रोत बनेंगे, इससे उत्तम और क्या हो सकता है. निश्चित रूप से यह वास्तविक तर्पण है.’’ 

वहीं, ग्रीन लाईफ के संयोजक एवं कोयलांचल में पर्यावरण संरक्षण के पर्याय माने जाने वाले डा. मनोज सिंह ने सिटी लाईव से बातचीत में बताया किया, ‘‘कर्मकांडों के साथ-साथ, पौधे लगाकर भी हम तर्पण कर सकते हैं. आत्मा जिससे तृप्त हो, वही तो तर्पण होता है और ये पौधे जब दरख्त बनेंगे, तो सैंकड़ों लोग तृप्त ओर लाभान्वित होंगे.’’

उन्होंने यह भी बताया कि, ‘‘हमारे इस आयोजन में पर्यावरण-रक्षा का संदेश निहित है.’’

पौधरोपण कार्यक्रम में उपस्थित अन्य लोगों ने इसे पूर्वजों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताया.

पूरे आयोजन को सफल बनाने में अखलाक अहमद, सुखदेव महतो, राहुल कुमार आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा.                

 

Web Title : LIVING MONUMENT PLANTED IN MEMORY OF THE ANCESTORS