धनबाद : माडा कर्मी अब गांधी गिरि के रास्ते पर चल पड़े है. अपनी मांगो को मनवाने के लिए अब काम करते हुए आमरण अनशन पर रहेंगे.
मंगलवार से खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (माडा) के पांच कमर्चारियों ने छठा वेतन मान लागू करने की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू किया है.
युनियन के समर्थन के बिना शुरू किए गए इस आंदोलन को अन्य प्राधिकार के अधिक्तर कमर्चारियों का समर्थन हासिल है.
दुसरे विभागों को मिल रहा है तो माडा को क्यों नहीं
आमरण अनशन पर कमिर्यों का कहना है कि झारखंड सरकार में नगर निगम सहित सभी विभगों के कमर्चारियों को आज छठा वेतन मान मिल रहा है तो उन्हें यह वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा है. उन्हे भी एक जनवरी 2006 से छठा वेतन मान चाहिए.
काम करते हुए करेंगे आंदोलन
अनशन पर बैठे माडा कर्मी मदन महतो बताते है कि इस बार वे काम करते हुए आंदोलन पर रहेंगे. किसी भी कीमत इस बार काम प्रभावित नहीं होगा. झरिया सहित पूरे कोयांचल में समय पर जलापूर्ति सहित सभी काम समय पर किए जायेंगे.
इसके साथ ही उनका आमरम अनशन का आंदोलन भी चलता रहेगा.
युनियन को किया दरकिनार
अनशऩ कर रहे माडा कमिर्यों का कहना है, युनियन के नेता प्रबंधन के सामने उनकी जायज मांगो को नहीं उठाते है. मई में हुए हड़ताल के दौरान भी छठे वेतनमान का मुद्दा सबसे प्रमुख था.
किंतु इसके बाद भी समझौते के समय युनियन के नेता केवल डीए पर समझौता कर हड़ताल समाप्त कर दिया. किंतु इस बार छठा वेतन मान लागू होने तक आंदोलन जारी रहेगा.
आमरण अनशन पर गये कर्मी कौशल कुमार सिंह, फजूल रहमान, सुभाष रावत, मदन महतो और नंदलाल प्रसाद.