इस शहर को क्या हो गया है

धनबाद: पानी और बिजली के लिए सोमवार को भी हर तरफ त्राहिमाम था.

फुटपाथ दुकानदारों के समक्ष रोजी-रोटी का खतरा है.

शहर की सफाई व्यवस्था चरमरायी हुई है.

लिहाजा कई इलाकों से गुजरना खतरे से खाली नहीं.

कीचड़ और गंदगी का अंबार थोड़ी सी बरसात के बाद कुछ ज्यादा ही

प्रकट हो गया है.

अपराध की घटनाएं लगातार हो रही है.

यहां नुक्कड़ों में ड्रग्स खुलेआम बिक रहे है.

उसकी ट्रैफिकिंग पर अंकुश लगाने में विफल धनबाद पुलिस अब जाकर सक्रिय हुई.

बीते दो दिनों में लाखों के ड्रग्स पकड़ने का पुलिस ने दावा किया है.

बिजली विभाग के लोग किसी की भी समस्या सुनने को तैयार नहीं.

प्रशासन के लोग मीटिंग मास्टर हैं.

कुछ हो ना हो मीटिंग बुला लो.

देखने की बात है कि मीटिंग के बाद यदि कार्रवाई होती तो फिर एंटी इंकंबेंसी वोट क्यों होता.

जानकार बताते हैं कि धनबाद के साहब ने जन प्रतिनिधियों से भी कभी सीधी मुंह बात नहीं की.

मीडिया तक की परवाह नहीं की.

अब भी वे आराम में हैं.

लोगों में अफरा-तफरी है.

लगता है कुछ गजब होनेवाला है.

कुछ नहीं हुआ तो खैर. लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है.

भाजपा सरकार के नुमाइंदों की मौजूदा सेटअप में चल नहीं रही.

भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह और विधायक राज सिन्हा को एक साथ धनबाद की समस्याओं को लेकर अधिकारियों पर बरसना पड़ा.

विधायक ने कहा, अधिकारी चेत जाएं.

लापरवाही से बाज आएं. जनता की समस्याएं सुने. यदि

नहीं माने तो उन्हें यहां से जाना पड़ेगा.

Web Title : WHAT HAS HAPPENED TO THIS CITY