यह 5 आसान उपाय नहीं होगी शिशु में डायरिया की समस्या

नवजात शिशु में डायरिया होना बेहद आम बात है, क्योंकि इस तरह की समस्या आए दिन शिशु में घर कर जाती है. लेकिन, यदि इसका जल्द से जल्द उपचार न किया जाए तो यह शिशु के लिए अच्छा नहीं होता है.

शिशु में दस्त होने के क्या कारण हैं ?

अगर देखा जाए तो डायरिया शरीर से गंदगी और रोगाणुओं को निकालने का एक तरीका है, जो कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है. हालाँकि, यह समस्या बच्चों में अक्सर बुखार, मतली, उल्टी, ऐंठन और डिहाइड्रेशन के साथ होता है. इसके अलावा, कई ऐसे कारण हैं जो शिशु में दस्त जैसी समस्या को पैदा करते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं-

संक्रमण

नवजात में दस्त होने का सबसे बड़ा कारण है रोटावायरस नामक विषाणु का. जो आपके शिशु के आंत को संक्रमित कर देता है, जिसके कारण शिशु में दस्त की स्थिति उत्पन्न होने इसके लक्षणों में ढ़ीला यानि कि पतला पॉटी का होना, उल्टी, पेट दर्द, सिरदर्द, और बुखार शामिल है. हालाँकि, इस तरह कि समस्या हफ्ते दस दिन तक रहते हैं, लेकिन इसका उपचार जल्द से जल्द किया जाना चाहिए.  

फार्मूला मिल्क

कुछ बच्चों में फार्मूला मिल्क के कारण भी दस्त की समस्या उत्पन्न होने लगती है. क्योंकि, इस समय बच्चे इसे पचा पाने में सक्षम नहीं होते हैं.  

दवाएं

कुछ दवाएं भी शिशु में दस्त के कारण को पैदा करता है, जैसे कि लैक्सटिवेस या एंटीबायोटिक जैसी दवा. यदि आपके बच्चे में इस तरह की समस्या एंटीबायोटिक के कारण हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. हो सकता है कि डॉक्टर इस दवा के डोज को थोड़ा कम करें या फिर इन दवाओं को बदल दें.  

फ़ूड पॉइज़निंग

यह भी बच्चे में डायरिया का एक कारण हो सकता है. आमतौर पर, इस तरह के लक्षण उल्टी के रूप में नज़र आ सकते हैं. हालाँकि, आप इसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.  

डायरिया के अन्य कारण  

इसके अन्य कारणों में क्रोन डिजीज, फ़ूड एलर्जी या फिर सर्दी-जुकाम आदि शामिल है.  

शिशु में दस्त के क्या लक्षण हैं ?

शिशु का सुस्त पड़ना

मुंह का सूखना

यूरिन का पीला होना

बिना आंसू के रोना

सूखी त्वचा

शिशु का कमजोर पड़ना

कब करें डॉक्टर से संपर्क ?

जब आपका शिशु बहुत बीमार लग रहा हो.

शिशु में तीन दिनों से अधिक दस्त हो रहा हो.

जब शिशु खूनी या हर रंग की उलटी कर रहा हो.

बहुत अधिक बुखार होने पर

मल में खून आने पर

अगर बच्चे 12 घंटे में एक बार भी यूरिन न पास किया हो, तो इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

शिशु में डायरिया का उपचार

जब भी शिशु में इस तरह की समस्या हो तो उन्हें निचे बताए जा रहे चीजों का सेवन जरूर कराएं, जो निम्न हैं-

स्तनपान कराती रहें

शिशु में दस्त की समस्या के दौरान स्तनपान कराना बंद न करें, क्योंकि इस से शिशु को बैक्‍टीरियल, वायरल और डायरिया से लड़ने में मदद मिलेगी.  

ओ. आर. एस. ) या इलैक्ट्रोलाइट का घोल दें

जब शिशु को बहुत अधिक पॉटी हो रही हो तो इसके लिए आप नमक-चीनी का घोल दे सकते हैं. इससे न केवल बच्चे को एनर्जी मिलेगी बल्कि शरीर में पानी की कमी भी दूर होगी.  

मूंग दाल की पतली खिचड़ी दें

पॉटी के कारण आपका शिशु बहुत अधिक कमजोर हो जाता है, ऐसे में शिशु को एनर्जी लाने के लिए गला हुआ मूंग दाल की पतली खिचड़ी बना कर दें. इससे शिशु का पेट भी भरा रहेगा और एनर्जी भी मिलेगी. लेकिन, ध्यान रहे कि यह आहार शिशु को 6 महीने के बाद दें.  

हाइड्रेटेड रखें

दस्त अधिक होने के कारण शिशु के शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए उसे पानी भी दें. ध्यान रहे शिशु का पानी उबला और ठंडा किया ही. इसके अलावा, आप अपने  शिशु को ग्राइप वाटर भी दे सकती हैं. इसके अलावा, 6 माह से बड़े बच्चों को आप फलों के रस में पानी मिलाकर भी दे सकती हैं.  

इन सब के बावजूद यदि आपके शिशु को लगातार पॉटी की समस्या हो रही हो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.  

Web Title : 5 SIMPLE STEPS TO SAVE YOUR CHILD FROM DIAHORREHA