आपने अब तक बर्थ कंट्रोल के लिए महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां खाते देखा होगा. लेकिन अब महिलाओं के साथ पुरुष भी गोलियां लेकर बर्थ कंट्रोल कर सकेंगे. जी हां, वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने पुरुषों
के लिए बर्थ कंट्रोल गोलियां विकसित की हैं, जो पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
लॉस एंजेलिस बायोमेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि ये बर्थ कंट्रोल गोलियां पुरुषों में स्पर्म को बनने से रोकेंगी. साथ ही बताया कि ये पूरी तरह से
सुरक्षित भी हैं. इन बर्थ कंट्रोल गोलियों को लेने से पुरुषों को किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होगी.
बता दें, बर्थ कंट्रोल के लिए पुरुष अभी तक सिर्फ कंडोम का ही सहारा लेते थे. जबकि, महिलाओं के लिए कॉन्ट्रासेप्शन के कई ऑप्शन मौजूद हैं. महिलाओं द्वारा खाई जाने वाली बर्थ कंट्रोल कॉन्ट्रासेप्टिव महिलाओं
की सेहत पर बुरा असर डालती हैं. दरअसल, इनसे महिलाओं में हार्मोंस का संतुलन बिगड़ जाता है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि मेल बर्थ कंट्रोल दवाइयों के आने से महिलाओं और पुरुषों में आशा कि किरण जागी है, क्योंकि अब महिलाओं को सब अकेले नहीं सहना पड़ेगा, बल्कि अब पुरुष भी दवाइयां लेकर बर्थ कंट्रोल कर सकेंगे.
पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक गोलियों से पहले पॉपुलेशन काउंसिल और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ और ह्यूमन डेवलपमेंट के शोधकर्ताओं ने मिलकर पुरुषों के लिए बर्थ कंट्रोल
जेल विकसित किया था, जो पुरुषों में स्पर्म के प्रोडक्शन को कम करने में मदद करता है.
पिछली स्टडी की रिपोर्ट में बताया गया था कि इस जेल में फीमेल सेक्स हार्मोन प्रोजेस्टेरोन का सिंथेटिक वर्जन और पुरुषों में पाया जाने वाला टेस्टोस्टेरोन हार्मोन शामिल है. इस जेल को पुरुषों को अपने कंधे और
कमर पर लगाना होता है, जिसके बाद स्किन इस जेल में मौजूद हार्मोन्स को एब्सोर्ब कर पुरुषों में स्पर्म के प्रोडक्शन को कम कर करता है. ये जेल अभी क्लीनिकल ट्रायल पर है. इस ट्रायल के नतीजे साल 2022
तक सामने आने का अनुमान है.
लेकिन नई रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों के लिए आईं कॉन्ट्रासेप्टिव गोलियां पूरी तरह से सुरक्षित हैं. कॉन्ट्रासेप्टिव 11-बीटा-एमएनटीडीसी, टेस्टोस्टेरोन का एक संशोधित सिंथेटिक रूप है. ये मेल होर्मोन एंड्रोजन और
महिलाओं की ओवरी मे पाए जाने वाले प्रोजेस्टेरोन हार्मोन दोनों पर असरदार है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 11-बीटा-एमएनटीडीसी पुरुषों में स्पर्म प्रोडक्शन को कम करने के साथ उनके शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को भी संतुलित रखती हैं.
मेल बर्थ कंट्रोल कॉन्ट्रासेप्टिव का ट्रायल 18 से 50 वर्ष के हेल्दी पुरुषों पर किया गया है. इन सभी लोगों को 28 दिन तक रोजाना बर्थ कंट्रोल गोलियां दी गईं. इनके साथ 10 पुरुषों को प्लेसिबो दिया गया. जांच के
दौरान शोधकर्ताओं ने ये जानने की कोशिश की रोजाना गोली लेने से कोई साइड इफेक्ट होता है या नहीं. लेकिन नतीजों मे सामने आया कि रोजाना गोलियां लेने से पुरुषों में सिर्फ चक्कर, दाने और सिर दर्द की ही शिकायत देखी गई.
हालांकि, लॉस एंजेलिस बायोमेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के शोधकर्ताओं का कहना है कि ये मेल बर्थ कंट्रोल गोलियां कितनी असरदार होंगी इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा
सकता है. लेकिन ये पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के मेडिसिन के प्रोफेसर Dr Stephanie ने कहा, हमारा लक्ष्य ऐसे कंपाउंड को ढूंढना था जो ज्यादा असरदार हो, लेकिन साइड इफेक्ट्स कम हो.
स्टडी के सह-मुख्य लेखक, Christina Wang ने कहा कि मेल कॉन्ट्रासेप्टिव गोलियों को बाजार में आने में अभी करीब 10 साल का समय लगेगा. दरअसल, इन गोलियों को बाजार में लाने से पहले इनकी कई ओर
जांच की जाएंगी. लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है बाजार में आने के बाद मेल बर्थ कंट्रोल पिल्स सबसे ज्यादा डिमांड में रह सकती हैं.