वैशाली : आस्था का महान पर्व छठ पूजा वुधवार को उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ धूमधाम से सम्पन्न हो गया. महनार क्षेत्र के सभी घाटों पर लोगो की सैलाव नजर आ रहा था तो वही कानों में छठ पूजा की मधुर गाने सुनाई दे रहा था जिसमे लोग मग्न थे. सुबह में हल्की ढंड के बाबजूद लोगो में आस्था भक्ति की गर्म उमँग थी.
तो वही किसी अनहोनी को देखते हुए प्रशासनिक पदाधिकारी भी लोगो की सुरक्षा में तैनात नजर आ रहे थे ताकि पहले से चिन्हित खतरनाक घांटो तक लोग नही पहुच. सके तो वही कुछ लोग अपने घर पर ही गड्ढे खोन कर उसमे ही पूजा करते दिखे विहार के इस सबसे प्रमुख त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया.
छठ मईया को ठेकुआ,केला,मालपुआ,खीर,खजूर,आदि का प्रसाद चढ़ाया गया. ब्रती भक्तो ठंडे पानी में खड़े होकर सूर्य भगवान को अर्ध्य दिया. इससे पहले 13 नाबम्बर यानी मंगलवार की शाम को ढलते सूर्य को पहला अर्ध्य दिया गया था. पौराणिक मान्यताओ के मुताबित कोई डूबते सूर्य को प्रणाम नही करता लेकिन छठ ही एक ऐसा पर्व है. जिसमे लोग सिर्फ उगते सूर्य को नही बल्कि डूबते सूर्य को भी अर्ध्य देते है.
बता दे हर साल दीवाली के छठे दिन यानी कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को छठ पर्व मनाया जाता है. छठि मईया की पूजा की सुरुआत चतुर्थी को नहाय खाय से होती है, इसके अगले दिन खरना को गुर से बनी खीर बनाई जाती है. वही षष्ठी शाम और सप्तमी सुबह को सूर्य देव को अर्ध्य देकर पूजा की समाप्ति की जाती है.