बसपा प्रमुख मायावती ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के मौके श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए प्रतिक्रिया दी है. इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बीजेपी सरकार पर तंज कसा. उन्होंने लिखा कि देश के 81 करोड़ से ज्यादा लोगों को सरकारी अनाज का ´मोहताज´ बना देना ना तो आजादी के बाद का सपना था और ना ही संविधान बनाते समय बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने सोचा था.
मायावती ने अंबेडकर के 67वें ´परिनिर्वाण दिवस´ के मौके पर ´एक्स´ पर लिखा, ´´लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा और देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को आज उनके ´परिनिर्वाण दिवस´ पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित. ´´ बसपा सुप्रीमो ने एक दूसरे पोस्ट में लिखा कि देश में रोटी-रोजी के अभाव और महंगाई की मार के कारण ´आमदनी अठन्नी भी नहीं, पर खर्चा रुपया´ होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त और चिंताजनक है जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी.
बता दें कि केंद्र सरकार ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है. कोरोना वायरस महामारी के समय में लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए इस योजना को शुरू किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पिछले हफ्ते मंगलवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे गई. इस योजना के तहत गरीबों को हर महीने पांच किलोग्राम राशन मुफ्त दिया जाता है.